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श्रु०१, अ०१. उ०४ सू०३८
५
आचारांग-सूची
३१ क
अप्काय के शस्त्र २७ अप्कायिक हिंसा से अदत्तादान
अप्काय के सम्बन्ध में अन्य मान्यताएँ २६
हिंसक संबंध में अनिश्चित मत हिंसक को वेदना का अज्ञान 'अहिंसक को वेदना का ज्ञान की हिंसा से विरत होने का उपदेश
परिज्ञा वाला ही मुनि है सूत्र संख्या १३
चतुर्थ अग्निकाय उद्देशक
अहिंसा ३२ क तेजस्काय परिज्ञा
अग्निकायिक जीवों का अस्तित्व : " , की वेदना के ज्ञाता
" , प्रत्यक्षदर्शी अग्निकाय के हिंसक ,, की हिंसा न करने की प्रतिज्ञा
हिंसा से विरत मुनि
, अविरत द्रव्यलिंगी हिंसा की परिज्ञा ,, के हेतु ,, का फल , के फल का ज्ञाता का हिंसक अन्य अनेक जीवों का हिंसक से परितप्त प्राणी
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