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भगवती-सूची
११
१२
१३
१४ क
ख -
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१५
१६
१७
१८
१६
२०
२१
२२
२३
२४
ग
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च
२६४
श०१ उ०१, प्र० २६
नैरयिकों के अपवर्तन, संक्रमण, निधत्त और निकाचित के
( तीन काल के ) प्रश्न नैरयिकों द्वारा तैजस, कार्मण रूप में पुद्गलों का ग्रहण
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- वेदना और निर्जरा
इसी प्रकारनैरयिकों द्वारा अचलित कर्मों का
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21
को
का
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चलित
असुर कुमारों की स्थिति
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गृहीत पुद्गलों की उदीरणा
नाग कुमारों की स्थिति
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शेष प्रश्नोत्तर ७ से १५ के समान
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का श्वासोच्छ्वास काल
आहारार्थी
31
की
आहारेच्छा का समय आहार के पुद्गल
में आहार के पुद्गलों का परिणमन
33
पूर्व आहृत पुद्गलों की परिणति
बंधन
उदीरणा
वेदन
अपवर्तन
का श्वासोच्छ्वास काल
संक्रमण
निधत्त
निकाचित
निर्जरा
२५
नागकुमार आहारार्थी
२६ क - नागकुमारों के आहारेच्छा का समय
शेष प्रश्नोत्तर ७ से १५ के समान
ख- सूवर्ण कुमार से स्तनित कुमार पर्यंत असुर कुमार के समान
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