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समवायः १५०००-१५० २५६
समवायांग-सूची दस हजारवाँ समवाय १ मेरुपर्वत का विष्कम्भ
एक लाखवा-यावत्-आठ लाखवाँ समवाय १ जम्बूद्वीप का आयाम-विष्कम्भ १ लवण समुद्र का चक्रवाल विष्कम्भ १ भ० पार्श्वनाथ की श्राविका सम्पदा १ धातकी खण्ड द्वीप का चक्रवाल विष्कम्भ १ लवण समुद्र के पूर्वान्त से पश्चिमान्त का अन्तर १ भरत चक्रवर्ती का राज्य-काल १ जम्बूद्वीप की पूर्व वेदिका से धातकी खण्ड के पश्चिमान्त का अन्तर १ माहेन्द्र कल्प के विमान
कोटि समवाय १ भ० अजितनाथ के अवधिज्ञानी १ पुरुषसिंह वासुदेव का आयु
कोटाकोटि समवाय १ भ० महावीर का पोटिल के भव में श्रामण्य पर्याय १ भ० ऋषभदेव और भ० महावीर का अन्तर सूत्र संख्या १३६ से १४८ पर्यन्त--द्वादशांग का परिचय १४६ क- दो राशि
ख- चौवीस दण्डक में पर्याप्ता अपर्याप्ता ग- सर्व नरकावास, सर्व भवनावास, सर्व विमान घ- नरकावास और नरकों में वेदना ० क- भवनावासों का वर्णन . ख- पृथ्वीकायिकावासों का वर्णन-यावत्-मनुष्यावासों का वर्णन
ग. व्यंतरावासों का वर्णन
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