________________
___ur 9
,
2
२
-oror or or
समवाय-८५-८७
२४६
समवायांग-सूची ६ शक्रेन्द के सामानिक देव ७ सभी बाह्य मेरु पर्वतों की ऊँचाई
सभी अंजनक पर्वतों की ऊँचाई ६ क- हरि वर्ष की जीवा की परिधि ख- रम्यग् वर्ष की जीवा की परिधि
पंक बहुल काण्ड के ऊपरीभाग से नीचे के भाग का अन्तर व्याख्या प्रज्ञप्ति के पद नागकुमार के भवन प्रकीर्णकों की अधिकतम संख्या जीवायोनी पूर्व से शीर्ष प्रहेलिका पर्यन्त का गुणाकार भ० ऋषभदेव की श्रमण सम्पदा सर्व विमान पच्चासीवाँ समवाय चूलिका सहित आचारांग के उद्देशक धातकी खण्ड के मेरु पर्वतों की ऊँचाई रुचक मण्डलीक पर्वत की ऊँचाई नन्दनवन के अघस्तन भाग से सौगंधिक काण्ड के अधस्तन भाग का अन्तर छियासीवाँ समवाय
भ० सुविधिनाथ के गण-गणधर २ भ० सुपार्श्वनाथ के वादि मुनि ३ द्वितीय नरक के मध्यभाग से द्वितीय घनोदधि का अन्तर
सत्तासीवाँ समवाय १ मेरु पर्वत के पूर्वान्त से गोस्तूभ आवास पर्वत के पश्चिमान्त का
अन्तर
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org