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________________ G Py समवायांग विषय-सूची प्रथम समवाय १ आत्मा २ अनात्मा ३ दण्ड ४ अदण्ड ५ क्रिया ६ अक्रिया लोक ८ अलोक धर्म १० अधर्म ११ पुण्य १२ पाप १३ बंध १४ मोक्ष १५ आश्रव १६ संवर १७ वेदना १८ निर्जरा १ जम्बूद्वीप की लम्बाई-चौड़ाई (आयाम-विष्कम्भ) २ अप्रतिष्ठान नरकावास की लम्बाई चौड़ाई ३ पालक विमान की लम्बाई-चौड़ाई ४ सर्वार्थसिद्ध विमान की लम्बाई-चौड़ाई १ आर्द्रा नक्षत्र का तारा २ चित्रा नक्षत्र का तारा ३ स्वाति नक्षत्र का तारा १ रत्नप्रभा के कुछ नैरयिकों की स्थिति . २ रत्नप्रभा के कुछ नैरयिकों की उत्कृष्ट स्थिति ३ शर्कराप्रभा के कुछ नैरयिकों की जघन्य स्थिति ४ कुछ असुरकुमारों की स्थिति ५ कुछ असुरकुमारों की उत्कृष्ट स्थिति ६ नाग कुमारों आदि की स्थिति ७ असंख्य वर्षों की आयुवाले संज्ञी तिर्यच पंचेन्द्रिय की स्थिति Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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