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• स्थानांग-सूची
१२८ श्रु०१,अ०३,उ०२ सू०१६५ भ- स्पर्श करना, स्पर्श न करना. तीन प्रकार के पुरुष प्रत्येक विकल्प के साथ अतीत, वर्तमान और भविष्य काल
का प्रयोग १६१ क- कुशील को प्राप्त होने वाले तीन स्थान
सुशील " " " १६२ क- तीन प्रकार के संसारी जीव
ख- " सर्व " ग- छ- " " " क- तीन प्रकार की लोक स्थिति ख- तीन दिशा ग- तीन दिशाओं में जीवों की गति
आगति
व्युत्क्रांति " का आहार की वृद्धि
हानि
गति पर्याय का समुद्घात " की कालकृत अवस्था " का दर्शन का बोध
ज्ञान
जीव १६४ क- तीन प्रकार के त्रस
" स्थावर १६५ क- अछेद्य हैं ख- अभेद्य
अदाह्य
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