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स्थानांग-सूची
श्रु०१, अ०२, उ०१ सू०५७ १०३
जम्बूद्वीप की परिधि अंतिम तीर्थंकर महावीर अकेले मुक्त हुए अनुत्तर देवों की अवगाहना आर्द्रा नक्षत्र का तारा चित्रा ,, ,, स्वाति , , ,
पुदगल
एक प्रदेशावगाढ पुद्गल एक समय स्थिति वाला पुद्गल एक वर्ण वाला पुद्गल
, गंध " " ., रस , , ,, स्पर्श , ,
सूत्र संख्या १६
द्वितीय स्थान प्रथम उद्देशक लोक में दो प्रकार के पदार्थ जीव-ग्रजीव जीव सयोनि, अयोनि सायु, अनायु सेन्द्रिय, अनेन्द्रिय सवेदक, अवेदक सरूपी, अरूपी सपुद्गल, अपुद्गल
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