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सूत्रकृतांग-सूची
गाथांक
१-३
१४- १७
१८- १६
सप्तम सुशील परिभाषा अध्ययन
प्रथम- उद्देशक
४
५-७
८-१०
११ क- मनुष्यभव और बोधि की दुर्लभता
ख- दुःखमय संसार में सुख के लिये किये गये प्रयत्नों से भी दुःख होता है
हिंसक - जिन जीवनिकायों की हिंसा करता है, उन्हीं जीवनिकायों में उत्पन्न होकर वेदना भांगता है
कर्मफल
१२ क पर समय-- नमक त्याग से मोक्ष
·
ख
शीतल जल सेवन से मोक्ष यज्ञ से मोक्ष
ग१३ क- स्वसमय
- प्रातः काल के स्नान से मोक्ष नहीं नमक न खाने से मोक्ष नहीं
ख -
ग- अन्यतीर्थी का मद्य मांस आहार से भवभ्रमण
२२
२३
२४.
अग्निकाय के आरम्भ से निवृत्त होने का उपदेश वनस्पतिकाय की हिंसा और उसका फल
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७४ श्रु ०१, अ०७, उ०१ गाथा २४
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जलस्पर्श से मुक्ति की मिथ्या मान्यता
यज्ञ-हवन से मुक्ति की मिथ्या मान्यता
२० हिंसा का फल, और अहिंसा
२१ सरस आहार, स्नान, वस्त्र प्रक्षालन और वस्त्र परिकर्म का
निषेध
स्नान, कन्द आहार और मैथुन का निषेध
रस लौलुप की असाधुता
सरस आहार के लिये घर में धर्मकथा करने का और स्वगुणीकीर्तन का निषेध
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