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________________ ४६९ परिशिष्ट ६ २६. चोल्लक २७. पाशक २८. धान्य २९. द्यूत ३०. रत्न ३१. स्वप्न ३२. चक्र ३३. चर्म ३४. युग ३५. परमाणु ३६. जमालि और बहुरतवाद ३७. तिष्यगुप्त और जीवप्रादेशिकवाद ३८. आचार्य आषाढ के शिष्य और अव्यक्तवाद ३९. अश्वमित्र और समुच्छेदवाद ४०. आचार्य गंग और द्वैक्रियवाद ४१. रोहगुप्त और त्रैराशिकवाद ४२. गोष्ठामाहिल और अबद्धिकवाद ४३. शिवभूति और बोटिकवाद ४४. उरभ्र ४५. काकिणी ४६. अपत्थं अंबगं भोच्चा ४७. तीन वणिक् पुत्र ४८. कपिल पुरोहित ४९. करकंडु ५०. दुर्मुख ५१. नमि ५२. नग्गति ५३. गौतम की अधीरता ५४. हरिकशबल ५५,५६. चित्र-संभूत ५७. भृगु पुरोहित ५८. राजर्षि संजय ५९. मृगापुत्र ६०. समुद्रपाल ६१. रथनेमि-राजीमती ६२. जयघोष-विजयघोष आचारांग-नियुक्ति की कथाएं १. जातिस्मरण-१ २. जातिस्मरण-२ ३. जातिस्मरण-३ ४. दृष्टि का महत्त्व ५. सकुंडलं वा वयणं न व त्ति आयं वज्र का अनशन ७. आर्य समुद्र का अनशन ८. आचार्य तोस लि का अनशन ९. आचार्य की तीक्ष्ण आज्ञा १०. द्रव्य शय्या सूत्रकृतांग-नियुक्ति को कथाएं १. अभयकुमार बंदी बना २. महाराज प्रद्योत और अभयकुमार ३. कलबाल ४. पौंडरीक ५. आर्द्रककुमार ६. गौतम और उदक की चर्चा ७. ऋषभ के अट्ठानवे पुत्र बशाश्रुतस्कंध-नियुक्ति की कथाएं १. क्षमादान : महादान २. उद्रायण ओर प्रद्योत ३. दरिद्र किसान और चोर सेनापति ४. क्रोध का दुष्परिणाम ५. दिशा ही बदल गई (अत्वकारीभट्टा) ६. आराधक : विराधक (पडरज्जा साध्वी) ७. करणी का फल (आर्य मगु) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001929
Book TitleNiryukti Panchak Part 3
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1999
Total Pages856
LanguagePrakrit, Hind
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, G000, & G001
File Size15 MB
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