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परिशिष्ट ५
४६७
मग्ग (मार्ग) (उनि ५४३,४९३,४९४,५०७ संजत (संयत)
(दशनि ३४६) सूनि १०७-१०९) संजोग (संयोग)
(उनि ३०-६४) मरण (मरण) (उनि २०१,२०२) संपया (संपदा)
(दनि २८) मह (महद्) (सूनि ८३) संभूत (संभूत)
(उनि ३२२,३२३) महंत (महद्) (दशनि १५३, संसार (संसार)
(आनि १९२) उनि २३०,४१६, सकार (सकार)
(दशनि ३०५) आनि २६४-६६, सूनि १४२)
(आनि ३८) मात (मातृ)
(उनि ४५४,४५५) सत्थ (शस्त्र) (दशनि २१३, आनि ३६) मिया (मृगा) (उनि ३९९,४००) सद्द (शब्द)
(आनि ३४६) मूल (मूल) (आनि १८३,१८४) सबल (शबल)
(दनि १२) मोक्ख (मोक्ष)
(उनि ४९१,४९२) समण (श्रमण) (दशनि १२८, उनि ३८२) मोह (मोह) (दनि १२१,१२२) समय (समय)
(सूनि. ३२) रति (रति)
(दशनि ३३७,३३८)
समाधि (समाधि) (दशनि २८६,३०४, उनि रहनेमि (रथनेमि) (उनि ४३७,४३८)
३७८, सूनि १०४-१०६) लाभ (लाभ)
(दनि १५) समाहि (समाधि) (दनि ९,३३।२,३४) लेसा (लेश्या) (उनि ५२९,५३०) समुद्द (समुद्र)
(उनि ४२३) लोग (लोक)
(आनि १७६,१७७) समोसरण (समवसरण) (सूनि ११६,११७) वक्क (वाक्य) (दशनि २४५,२४७) सम्म (सम्यक्)
(आनि २१७-१९) वत्थ (वस्त्र) (आनि ३३८) सरीर (शरीर)
(दशनि २११) विजय (विजय) (आनि १७७) साम (सम्यक)
(उनि ४७७,४७८) विणय (विनय) (दशनि २८६) सामण्ण (श्रामण्य)
(दशनि १२७) विभत्ति (विभक्ति) (उनि ५४८,५४९ सार (सार)
(आनि २३९) सूनि ६४) सीय (शीत)
(आनि २००,२०१) विमोक्ख (विमोक्ष) (आनि २७६-७८) सील (शील)
(सूनि ८६,८७) वियालणिय (विदारणीय) (सूनि ३८,३९) सुतखंध (श्रुतस्कंध) (उनि १२, आनि २) विरिय (वीर्य)
(सूनि ९१-९४) सुत्त (सूत्र) (आनि ३००, सूनि ३,१८२) विहंगम (विहंगम) (दशनि १०७) सुद्धि (शुद्धि)
(दशनि २५९-६२) विहि (विधि)
(उनि ५११,५१३) सुय (श्रुत) (उनि २९,३०३,३०५,५०१वीर (वीर) (सूनि ८३)
५०३, सूनि २३) वेयालग (वैतालक) (सूनि ३८) सेज्जा (शय्या)
(आनि. ३२१-२४) वेयालण (विदारण)
(सूनि ३८) हरिएस (हरिकेश) (उनि ३११,३१२) संजइज्ज (संयतीय) (उनि ३८५,३८६)
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