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________________ परिशिष्ट १ दशवैकालिक भाष्य की गाथाओं का समीकरण हाटी हाटी १४ ३७ हस्तप्रतियों में दशवैकालिक नियुक्ति के साथ ही दशवकालिक भाष्य की गाथाएं मिलती हैं । हस्त आदर्शों में गाथाओं के आगे 'भाष्यम्' का उल्लेख नहीं मिलता है । टीका की मुद्रित पुस्तक में भाष्य गाथा का अलग से निर्देश किया गया है । पाठ-संपादन में हमने गाथाओं के बारे में गहराई से अनुचितन किया है । हाटो की मुद्रित पुस्तक में अनेक गाथाएं नियुक्ति के क्रम में प्रकाशित हैं लेकिन वे भाष्य को गाथाएं होनी चाहिए । अनेक ऐसी गाथाएं हैं, जो भाष्य के क्रम में प्रकाशित हैं पर वे नियुक्ति के क्रम में होनी चाहिए । यहां हमने उनका चार्ट प्रस्तुत कर दिया है, जिससे पाठकों को गाथा ढूढने में सुविधा हो सके । भागा हाटी दशनि भागा वशनि भागा दशनि ८९.१ १२३१२ ३५ ८९।२ १४० १२३।३ ८९।३ १४१ १२३।४ १४२ १२३१५ १४३ १२३१६ १४४ १२३१७ १४५ १२३१८ १४६ १२३।९ १४७ १२३३१० ९५२ ४३ १४८ १२३।११ १०२ ९५३ १७६ १५०१ १०४ ९६१ २१५' X १०५ ९६२ ४५१ १०७ ९७११ ३०११ १९६ ११० ९९१ ३०।२ १९७ १३१ १२०॥ ३०।३ १९८ ४७।१ २८ २०२ १२०१२ ४८ २९ १३३ १२०१३ x ४८।१ ३० २०३ १३४ १२०१४ ३३ x १३८ १२३.१ ३४ १३ ३२x * * * * * * * * Exxxxxxxxxxxx 1 6 ४५ २९ ३० x १ ४६ ४७ 2030 १३२ ३२ xxxx ५० १. टीकाकार ने इस गाथा के लिए 'आह च भाष्यकार:' का उल्लेख किया है। किंतु मुद्रित प्रति में 'भाष्यम्' का उल्लेख होने पर भी यह निगा के क्रमांक में है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001929
Book TitleNiryukti Panchak Part 3
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1999
Total Pages856
LanguagePrakrit, Hind
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, G000, & G001
File Size15 MB
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