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आवश्यक निर्युक्ति
चक्रवर्ती
सनत्कुमार
शांति
४.
५.
६.
७.
८.
सुभूम
९. महापद्म
हरिषेण
१०.
११. जय
१२. ब्रह्मदत्त
कुन्थु
अर
१.
२.
३.
४.
५.
६.
७.
८.
९.
१.
२.
३.
४.
वासुदेव
त्रिपृष्ठ
द्विपृष्ठ
स्वयंभू
पुरुषोत्तम
पुरुषसिंह
पुरुषपुंडरीक
आयुष्य ३ लाख वर्ष
१ लाख वर्ष
९५ हजार वर्ष
८४ हजार वर्ष
६० हजार वर्ष
३० हजार वर्ष
१० हजार वर्ष
३ हजार वर्ष ७०० वर्ष
दत्त
नारायण
कृष्ण
२३६/२६. इन चक्रवर्तियों में आठ मोक्ष में, सुभूम और ब्रह्मदत्त चक्रवर्ती सातवीं नरक में तथा मघवा और सनत्कुमार- ये दो चक्रवर्ती सनत्कुमार देवलोक में उत्पन्न हुए ।
२३६/२७, २८. सभी वासुदेव नील वर्ण वाले तथा सभी बलदेव शुक्ल वर्ण वाले होते हैं। मैं अब क्रमशः उनके देह-परिमाण को कहूंगा
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बलदेव
अचल
विजय
भद्र
सुप्रभ
सुदर्शन
आनन्द
नंदन
पद्म
राम
नगर
हस्तिनापुर
हस्तिनापुर
हस्तिनापुर
हस्तिनापुर
हस्तिनापुर
वाराणसी
कांपिल्य
राजगृह
कांपिल्य
८५ लाख वर्ष
७५ लाख वर्ष
६५ लाख वर्ष
५५ लाख वर्ष
माता
सहदेवी
अचिरा
श्री
देवी
तारा
ज्वाला
मेरा
वप्रा
चुलनी
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१९९
देह - परिमाण
८० धनुष्य
७० धनुष्य
६० धनुष्य
५० धनुष्य
४५ धनुष्य
२३६/२९. आठ बलदेव और वासुदेव गोतमगोत्रीय थे । नारायण और पद्म - ये दो काश्यपगोत्रीय थे। २३६/३०-३३. वासुदेव और बलदेव का आयुष्य तथा उनकी नगरियां इस प्रकार हैं
वासुदेव का आयुष्य
बलदेव का आयुष्य
वासुदेव - बलदेव की नगरियां
८४ लाख वर्ष
पोतनपुर
७२ लाख वर्ष
द्वारवती
६० लाख वर्ष
द्वारवती
३० लाख वर्ष
द्वारवती
पिता
अश्वसेन
विश्वसेन
२९ धनुष्य
२६ धनुष्य
१६ धनुष्य
१० धनुष्य
शूर
सुदर्शन
कार्त्तवीर्य
पद्मोत्तर
महाहरि
विजय
ब्रह्म
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