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आवश्यक नियुक्ति
३१५.
३१६.
३१७.
३१८.
तेल्लोक्कं असमत्थं, ति 'बेह एतस्स" चालणं काउं। अजेव पासह इमं, मम वसगं भट्ठजोगतवं ॥ अह आगतो तुरंतो, देवो सक्कस्स जो अमरिसेणं । कासी य उवस्सग्गं', मिच्छादिट्ठी पडिनिविट्ठो। धूली पिवीलियाओ, उदंसा 'चेव तह य उण्होला । विच्छुग नउला सप्पा, च मूसगा चेव अट्ठमगा ॥ हत्थी हत्थिणियाओ", पिसायए घोररूववग्घे य। थेरो 'थेरी सूतो'१९, आगच्छति पक्कणो'२ य तहा३ ।। खरवात कलंकलिया, कालचक्कं तहेव य। पाभाइयउवसग्गे", वीसइमे होति१५ अणुलोमे१६ ॥ सामाणियदेवढि५, देवो दावेति८ सो विमाणगतो। भणइ य वरेहि९ महरिसि०], निष्फत्ती सग्गमोक्खाणं२२ ॥ उवहतमतिविण्णाणो२२, ताहे वीरं 'बहु पसाहेउं'२४ । 'ओहीए निज्झायइ '२५, झायति छज्जीवहितमेव२६ ॥ वालुगपंथे तेणा, माउल पारणग तत्थ काणच्छी । तत्तो सुभोम२८ अंजलि.९, सुच्छेत्ताए य विडरूवं ॥
३२२.
१. तेलोक्कं (अ, म, चू), तेलुक्कं (ब)।
१८. दाएइ (ब, म)। २. बेइ एयस्स (अ, ब, ला), पेह एतस्स (रा, हा, दी, को)। १९. वरेह (को, रा, स, हा, दी)। ३. रुद्धजो (को), स्वो ३८३/१९३५ ।
२०. महिरिसि (अ)। ४. उवसग्गं (हा, रा, ब)।
२१. निष्फत्तिं (अ, ला, को)। ५. मिच्छद्दिट्ठी (स, हा, दी, स्वो ३८४/१९३६)।
२२. स्वो ३८८/१९४०, चूर्णि में इस गाथा का प्रतीक नहीं है, केवल व्याख्या है। ६. खलु तहेव (को)।
२३. ओहय' (ब, स)। ७. उण्हेला (को, म)।
२४. बहुप्प' (हा, दी, रा, ला), बहुं सहावेउं (को, स्वो)। ८. विच्चुय (च), विंछुय (हा, दी), विच्छग (को)। २५. ओहीय जिणं झायति (को), ओधीय जिणज्झायति (स्वो), 'निज्झाइ ९. स्वो ३८५/१९३७।
(हा, दो, रा)। १०. हत्थिणी (ब, हा, दी)।
२६. स्वो ३८९/१९४१, यह गाथा मटी में अनुपलब्ध है। टीकाकार ने इस गाथा की ११. थेरीइ सुओ (हा, दी, रा)।
व्याख्या भी नहीं की है। दोनों भाष्यों में यह गाथा निर्यक्ति गाथा के क्रम में १२. पक्कणः शबरः (मटी)।
है। प्रकाशित चूर्णि में यह गाथा मिलती है लेकिन चूर्णिकार ने इस गाथा की १३. स्वो ३८६/१९३८।
व्याख्या नहीं की है। १४. इयमुवसग्गे (ब, रा)।
२७. काणच्छिं (स्वो, म)। १५. तह य (चू)।
२८. सुभूम (ब, म)। १६. स्वो ३८७/१९३९ ।
२९. मंजलि (ब)। १७. देवद्धिं (म)।
३०. स्वो ३९०/१९४२।
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