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________________ श्री कवि किशनसिंह विरचित दोहा जय जय रवको कान सुन, वनपालक तत्काल । षट् रितुके फल फूल ले, कर धरि भेंट रसाल ॥३२॥ चल्यो नृपति दरबारको, मनमें धरत उछाव । जा पहुँचो तिस ही धरा, जहं बैठो रेनरराव ॥३३॥ सिंहासन नगजडित पर, प्रतिष्ठे श्री भूपाल । महामंडलेश्वर करहि, फल दीने वनपाल ॥३४॥ चौपाई वनपति भाषै सुनि हो देव, तुम शुभ पुण्य उदयतें एव । विपुलाचल पर सन्मति जान, समोशरन आयो भगवान ॥३५॥ ऐसैं सुन आसनतें राय, उठ तिहि दिशि सन्मुख सो जाय । सप्त पेंड अष्टांग नवाय, नमस्कार कीनो हरषाय ॥३६॥ परमप्रीति पूर्वक मन आन, जिन ५आगमको उत्सव ठान । भूषण वसन भूप तिहि जिते, वनपालकको दीने तिते ॥३७॥ कै खुशाल वनपालक जबै, मनमांही इम चिंतवै तबै । इतने सौं कर खाली जान, कबहुं न मिलियो सांची मान ॥३८॥ देवथान अरु राजदुवार, विद्यागुरु निज मित्र विचार । निमित्त वैद्य ज्योतिषी जान, फल दीये फल प्रापति मान ॥३९॥ जय जय शब्दको कानोंसे सुन कर वनपालक तत्काल षट् ऋतुओंके फल फूलोंकी रसाल भेंट लेकर राजदरबारकी ओर चला। वह मनमें उत्साहको धारण करता हुआ उस भूमि तक पहुँच गया जहाँ राजा श्रेणिक रत्नजड़ित सिंहासनके ऊपर बैठे हुए थे। वनपालकने महामण्डलेश्वर राजा श्रेणिकके हाथमें फल समर्पित किये ॥३२-३४॥ तदनन्तर वनपालकने राजासे कहा कि हे देव ! सुनिये, आपके शुभ पुण्यके उदयसे विपुलाचल पर्वत पर भगवान महावीर स्वामीका समवसरण आया है ॥३५॥ ऐसा सुनते ही राजा सिंहासनसे उठकर खड़े हो गये और उस दिशामें सात कदम जा कर उन्होंने मनमें हर्षित हो अष्टांग नमस्कार किया ॥३६॥ मनमें अत्यन्त प्रीतिको धारणकर जिनेन्द्र भगवानके आगमनका उत्सव किया। उस समय राजाके शरीर पर जितने वस्त्राभूषण थे वे सब उन्होंने वनपालकको दे दिये ॥३७॥ वनपालकने हर्षित हो मनमें इस प्रकारका विचार किया कि देवमंदिर, राजदरबार, विद्यागुरु, निज मित्र, निमित्तज्ञानी, वैद्य और ज्योतिषी इनसे कभी खाली हाथ नहीं मिलना चाहिये क्योंकि फलके देनेसे ही फलकी प्राप्ति होती है ॥३८-३९॥ १ उछाह स० २ नरनाह स० ३ लखिकै स० ४ इतनी सुनि स० ५ दरसनको स० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001925
Book TitleKriyakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKishansinh Kavi
PublisherParamshrut Prabhavak Mandal
Publication Year2005
Total Pages348
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, & Principle
File Size21 MB
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