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________________ २७२ श्री कवि किशनसिंह विरचित चाल छन्द प्रथमहि करि इक उपवास, पुनि दोय एक तिहुं जास । दोय चारि तीन पणि कीजै, चब पाँच थापि करि दीजै ॥ १७०८।। चहुं पाँच तीन चहुं दोई, तिहुं एक दोय इक होई । सब वास साठि गण लीजै, तसु बीस पारणा कीजै ॥ १७०९ ॥ अस्सी दिनमें व्रत एह, करि कह्यो जिनागम जेह । इह तप शिवसुखके दायक, कीन्हों पूरव मुनि - नायक || १७१०॥ लघु चौंतीसी व्रत दोहा अतिशय लघु चौतीस व्रत, तास तणो कछु भेद । कथामांहि सुनियो जिसो, किये होय दुख छेद || १७११ ॥ सिंहनिष्क्रीडित व्रत अब सिंहनिष्क्रीडित तपका विशेष व्याख्यान करते हैं, उसे भावसहित विधिसे करो, यह कर्मनिर्जराका स्थान है ।।१७०७ । । इस व्रतमें सर्व प्रथम एक उपवास एक पारणा, फिर दो उपवास एक पारणा, फिर एक उपवास एक पारणा, फिर तीन उपवास एक पारणा, फिर दो उपवास एक पारणा, फिर चार उपवास एक पारणा, फिर तीन उपवास एक पारणा, फिर पाँच उपवास एक पारणा, फिर चार उपवास एक पारणा, फिर पाँच उपवास एक पारणा, फिर पाँच उपवास एक पारणा, फिर चार उपवास एक पारणा, फिर पाँच उपवास एक पारणा, फिर तीन उपवास एक पारणा, फिर चार उपवास एक पारणा, फिर दो उपवास एक पारणा, फिर तीन उपवास एक पारणा, फिर एक उपवास एक पारणा, फिर दो उपवास एक पारणा, और अन्तमें एक उपवास एक पारणा, इस तरह साठ उपवास और बीस पारणाएँ की जाती हैं। अस्सी दिनमें यह व्रत पूरा होता है ऐसा जिनागममें कहा गया है । यह तप शिवसुखको देनेवाला है। पूर्वकालमें मुनिराजोंने इसे किया है ।।१७०८ - १७१०।। Jain Education International विशेष-सिंहनिष्क्रीडित व्रत जघन्य, मध्यम और उत्कृष्टकी अपेक्षा तीन प्रकारका है । यहाँ जघन्य सिंहनिष्क्रीडित व्रतकी विधि बतलाई गई हैं। मध्यम और उत्कृष्ट सिंहनिष्क्रीडित व्रतकी विधि हरिवंश पुराणके ३४ वें सर्गमें देखिये । लघु चौंतीसी व्रत अब लघु चौंतीसी व्रतका भेद जैसा कि कथा ग्रंथोंमें कहा गया हैं उसे सुनो ! इसके करनेसे दुःखका नाश होता है ।।१७११|| जन्म संबंधी दश अतिशयोंको लक्ष्य कर दश दशमी, इसी तरह केवलज्ञान संबंधी दश अतिशयोंको लक्ष्य कर पुनः दश दशमी, देवकृत चौदह For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001925
Book TitleKriyakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKishansinh Kavi
PublisherParamshrut Prabhavak Mandal
Publication Year2005
Total Pages348
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, & Principle
File Size21 MB
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