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________________ क्रियाकोष आगें अतिथि विभागमें, वरनन कीनो सार । इह विशेष कीनो नहीं, दूषण लगै दुवार ।।७८३॥ जो इच्छा चित सुननकी, पूरव को वृतंत । देखि लेहि अनुराग धरि, तातें मन हरषंत ॥७८४ ॥ जलगालन कथन दोहा अब जलगाoण विधि प्रगट, कही जिनागम जेम । भाषौं भविजन सांभलौ, धारौ चित धरि प्रेम ||७८५|| दोय घडीके आंतरै, जो जल पीवे छांण । परम विवेकी जुत दया, उत्तम श्रावक जान ॥ ७८६ ॥ छंद चाल Jain Education International नौतन वस्तरकै मांही, छाणो जल जनत करांही । गालन जल जन जिहिं वारै, इक बूंद मही नहि डारै ||७८७॥ को हू मतिहीण पुराणै, वस्तर माहे जल छाणै । अर बूंद भूमि पर नाखै, उपजै अघ जिनवर भाखै ॥ ७८८ ॥ तिन मांही जीव अपार, मरिहै संसै नहि धार । जाकै करुणा न विचार, श्रावक नहि, जाणि गंवार ॥ ७८९॥ १२५ और कुपात्रका विचार कर नित्य प्रति दान दो ॥ ७८२ ।। पहले अतिथिसंविभाग व्रतके वर्णनमें इसका सारभूत वर्णन किया जा चुका है इसलिये यहाँ विशेष वर्णन नहीं किया है क्योंकि उससे पुनरुक्तिका दोष लगता है । यदि उसे सुननेकी इच्छा है तो पहले कहे हुए प्रकारको प्रेमपूर्वक देख लीजिये; उससे मन हर्षित होगा ।। ७८३ - ७८४ ।। आगे जल छाननेकी विधि कहते हैं अब जिनागममें जैसी विधि कही है तदनुसार पानी छाननेकी विधि कहता हूँ । हे भव्यजनों ! उसे सुनो और प्रेमपूर्वक हृदयमें धारण करो || ७८५ || जो दो घड़ीके अन्तरसे जल छान कर पीता है उसे परम विवेकी, दयावंत, उत्तम श्रावक जानो । भावार्थ - छाने हुए जलकी मर्यादा दो घड़ीकी है अतः दो घड़ीके बाद पुनः छान कर पीना चाहिये ||७८६|| नवीन वस्त्रसे यत्नपूर्वक जल छानना चाहिये । मनुष्य जब जल छाने तब एक बूंद भी पृथिवी पर न डाले । कितने ही अज्ञानी जन पुराने जीर्ण शीर्ण वस्त्रसे पानी छानते हैं और छानते समय पानीकी बूंदे पृथिवी पर डाल देते हैं इससे बहुत पाप लगता है ऐसा जिनेन्द्र भगवानने कहा है ।। ७८७-७८८ || पानीकी एक बूंदमें अपार जीव हैं, जो सावधानी न बरतनेसे मर जाते हैं इसमें संशय नहीं है। जिसे दयाका विचार नहीं है वह श्रावक नहीं है, उसे अज्ञानी जानना चाहिये || ७८९ || For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001925
Book TitleKriyakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKishansinh Kavi
PublisherParamshrut Prabhavak Mandal
Publication Year2005
Total Pages348
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, & Principle
File Size21 MB
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