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________________ 412 धातुरत्नाकर पञ्चम भाग ४ अडम्ब्-यत, येताम्, यन्त। यथाः, येथाम्, यध्वम्। ये, । डिम्दयाम्बभू- वे, वाते, विरे। विषे, वाथे, विढ्वे/विध्वे। यावहि, यामहि।। वे, विवहे, विमहे ।। ५ अडम्बि, अडम्बयि- षाताम, षत। ष्ठाः, षाथाम, डिम्बयामा- हे, साते, सिरे। सिषे, साथे, सिध्वे। हे, ड्ढ्व म्/दवम्/ ध्वम्। षि, ष्वहि, ष्महि ।। सिवहे, सिमहे ।। अडम्बि-", षाताम्, षत, ष्ठाः, षाथाम, ड्व म्/ध्वम्, षि, | ७ डिम्बयिषी-ष्ट, यास्ताम्, रन्। ष्ठाः, यास्थाम्, ढ्वम्/ध्वम्। ष्वहि, ष्महि।। य, वहि, महि॥ ६ डम्बयाञ्च-क्रे, क्राते, क्रिरे। कृष, क्राथे, कृढ्वे। क्रे| डिम्बिषी-ष्ट, यास्ताम्, रन्। ष्ठाः, यास्थाम्, ध्वम्। य, कृवहे, कृमहे ।। वहि, महि।। डम्बयाम्बभ- वे, वाते, विरे। विषे, वाथे, विढवे/विध्वे। चे. | ८ डिम्बयिता, डिम्बिता -", रौ, रः। से, साथे, ध्वे। हे. विवहे, विमहे।। स्वहे, स्महे ।। डम्बयामा- हे, साते, सिरे। सिषे, साथे, सिध्वे। हे. ९ डिम्बयिष्, (डिम्बिष्)-यते, येते, यन्ते। यसे, येथे, यध्वे। सिवहे, सिमहे।। ये, यावहे, यामहे ।। ७ डम्बयिषी-ष्ट, यास्ताम्, रन्। ष्ठाः, यास्थाम्, ढ्वम्/ध्वम्। | | १० अडिम्बयिष्, अडिम्बिष् -यत, येताम्, यन्त। यथाः, य, वहि, महि।। __ येथाम्, यध्वम्। ये, यावहि, यामहि ।। डम्बिषी-ष्ट, यास्ताम्, रन्। ष्ठाः, यास्थाम्, ध्वम्। य, १६७६ सम्बण (सम्ब) सम्बन्धे।। वहि, महि।। १ सम्ब्-यते, येते, यन्ते। यसे, येथे, यध्वे। ये, यावहे, ८ डम्बयिता, डम्बिता -", रौ, रः। से, साथे, ध्वे। हे, | यामहे। स्वहे, स्महे ।। २ सम्व्ये-त, याताम्, रन्। थाः, याथाम्, ध्वम्। य, वहि, ९ डम्बयिष्, (डम्बिष्)-यते, येते, यन्ते। यसे, येथे, यध्वे। ये, महि। यावहे, यामहे ।। ३ सप्व्-यताम्, येताम्, यन्ताम्, यस्व। येथाम्, यध्वम्। थै, १० अडम्बयिष्, अडम्बिष् -यत, येताम्, यन्त। यथाः, येथाम्, यावहै, यामहै।। यध्वम्। ये, यावहि, यामहि ।। ४ असम्ब्-यत, येताम्, यन्त। यथाः, येथाम्, यध्वम्। ये, १६७५ डिबुण् (डिम्ब्) क्षेपे॥ यावहि, यामहि।। १ डिम्ब्-यते, येते, यन्ते। यसे, येथे, यध्वे। ये, यावहे, | | ५ असबि, असम्बयि- षाताम्, षत। ष्ठाः, षाथाम्, यामहे। ड्व म्/वम्/ ध्वम्। षि, ष्वहि, महि।। २ डिम्व्ये-त, याताम्, रन्। थाः, याथाम्, ध्वम्। य, वहि, असम्बि-", षाताम्, षत, ष्ठाः, षाथाम्, ड्वम्/ध्वम्, महि। षि, ष्वहि, महि।। ३ डिम्ब्-यताम्, येताम्, यन्ताम्, यस्व। येथाम्, यध्वम्। यै, ६ सम्बयाञ्च-क्रे, काते, क्रिरे। कृष, क्राथे, कृवे। के, यावहै, यामहै।। कृवहे, कृमहे॥ ४ अडिम्ब्-यत, येताम्, यन्त। यथाः, येथाम्, यध्वम्। ये, सम्बयाम्बभू- वे, वाते, विरे। विषे, वाथे, विवे/विध्वे। वे, यावहि, महि।। विवहे, विमहे ।। ५ अडिम्बि, अडिम्बयि- षाताम्, षत। ष्ठाः, षाथाम्, सम्बयामा- हे, साते, सिरे। सिषे, साथे, सिध्वे। हे, ड्ढ्व म्/ढ्वम्/ ध्वम्। षि, ष्वहि, ष्महि।। सिवहे, सिमहे ।। अडिम्बि-'', षाताम्, षत, ष्ठाः, षाथाम्, ड्ढ्वम्/ध्वम्, | ७ सम्बयिषी-ष्ट, यास्ताम्, रन्। ष्ठाः, यास्थाम्, ढ्वम्/ध्वम्। षि, ष्वहि, महि।। य, वहि, महि।। ६ डिम्बयाञ्च-क्रे, क्राते, क्रिरे। कृष, क्राथे, कृट्वे। के सम्बिषी-ष्ट, यास्ताम्, रन्। ष्ठाः, यास्थाम्, ध्वम्। य, कृवहे, कमहे ।। वहि, महि।। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001924
Book TitleDhaturatnakar Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLavanyasuri
PublisherRashtriya Sanskrit Sansthan New Delhi
Publication Year2006
Total Pages534
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size10 MB
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