SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 512
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ णिगन्तप्रक्रिया (अदादिगण) 499 हावयाञ्चकार-चकर हावयाञ्चकृव हावयाञ्चकृम हावयाम्बभूव/हावयामास आ. हाव्यात् हाव्यास्ताम् हाव्यासुः हाव्या: हाव्यास्तम् हाव्यास्त हाव्यासम् हाव्यास्व हाव्यास्म २. हावयिता हावयितारौ हावयितार: हावयितासि हावयितास्थः हावयितास्थ हावयितास्मि हावयितास्वः हावयितास्मः भ. हावयिष्यति हावयिष्यतः हावयिष्यन्ति हावयिष्यसि हावयिष्यथ: हावयिष्यथ हावयिष्यामि हावयिष्याव: हावयिष्यामः क्रि. अहावयिष्यत् अहावयिष्यताम् अहावयिष्यन् अहावयिष्यः अहावयिष्यतम् अहावयिष्यत अहावयिष्यम् अहावयिष्याव अहावयिष्याम आत्मनेपद व. हावयते हावयेते हावयन्ते हावयसे हावयेथे हावयध्वे हावये हावयावहे हावयामहे स. हावयेत हावयेयाताम् हावयेरन् हावयेथाः हावयेयाथाम् हावयेध्वम् हावयेय हावयेवहि हावयेमहि प. हावयताम् हावयेताम् हावयन्ताम् हावयस्व हावयेथाम् हावयध्वम् हावयै हावयावहै हावयामहै ह्य. अहावयत अहावयेताम् अहावयन्त अहावयथाः अहावयेथाम् अहावयध्वम् अहावये अहावयावहि अहावयामहि अ. अजूहवत अजूहवेताम अजूहवन्त अजूहवथाः अजूहवेथाम् अजूहवध्वम् अजूहवे अजूहवावहि अजूहवामहि प. हावयाञ्चक्रे हावयाञ्चक्राते हावयाञ्चक्रिरे हावयाञ्चकृषे हावयाञ्चक्राथे हावयाञ्चकृट्वे हावयाञ्चक्रे हावयाञ्चकृवहे हावयाञ्चकृमहे हावयाम्बभूव/हावयामास आ. हावयिषीष्ट हावयिषीयास्ताम् हावयिषीरन् हावयिषीष्ठाः हावयिषीयास्थाम् हावयिषीढ्वम् हावयिषीध्वम् हावयिषीय हावयिषीवहि हावयिषीमहि श्व. हावयिता हावयितारौ हावयितार: हावयितासे हादयितासाथे हावयिताध्वे हावयिताहे हावयितास्वहे हावयितास्महे भ. हावयिष्यते हावयिष्येते हावयिष्यन्ते हावयिष्यसे हावयिष्येथे हावयिष्यध्वे हावयिष्ये हावयिष्यावहे हावयिष्यामहे क्रि, अहावयिष्यत अहावयिष्येताम् अहावयिष्यन्त अहावयिष्यथाः अहावयिष्येथाम् अहावयिष्यध्वम् अहावयिष्ये अहावयिष्यावहि अहावयिष्यामहि ॥ अथादन्तः॥ ११३१ ओहाक् (हा) त्यागे। परस्मैपद व. हापयति हापयतः हापयन्ति हापयसि हापयथः हापयथ हापयामि हापयावः हापयाम: स. हापयेत् हापयेताम् हापयेयुः हापयेतम् हापयेत हापयेयम् हापयेव हापयेम | प. हापयतु/हापयतात् हापयताम् हापयन्तु हापय हापयतात् हापयतम् । हापयत हापयानि हापयाव हापयाम ह्य. अहापयत् अहापयताम् अहापयन् अहापयः अहापयतम् अहापयत अहापयम् अहापयाव अहापयाम अ. अजीहपत् अजीहपताम् अजीहपन् अजीहपः अजीहपतम् अजीहपत अजीहपम् अजीहपाव अजीहपाम | प. हापयाञ्चकार हापयाञ्चक्रतुः हापयाञ्चक्रुः हापयाञ्चकर्थ हापयाञ्चक्रथुः हापयाञ्चक्र हापये: Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001921
Book TitleDhaturatnakar Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLavanyasuri
PublisherRashtriya Sanskrit Sansthan New Delhi
Publication Year2006
Total Pages698
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy