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धातुरत्नाकर द्वितीय भाग
आ.
लोकयै लोकयावहै लोकयामहै श्व. श्लोकयिता श्लोकयितारौ श्लोकयितार: अलोकयत __ अलोकयेताम् अलोकयन्त भ. श्लोकयिष्यति प्रलोकयिष्यतः लोकयिष्यन्ति अलोकयथाः अलोकयेथाम् अलोकयध्वम् क्रि. अश्लोकयिष्यत् अश्लोकयिष्यताम् अश्लोकयिष्यन् अलोकये अलोकयावहि अलोकयामहि
आत्मनेपद अ. अलुलोकत अलुलोकेताम् अलुलोकन्त | व. श्लोकयते श्लोकयेते श्लोकयन्ते
अलुलोकथाः अलुलोकेथाम् अलुलोकध्वम् | स. श्लोकयेत श्लोकयेयाताम् श्लोकयेरन् अलुलोके अलुलोकावहि अलुलोकामहि प. श्लोकयताम् श्लोकयेताम् श्लोकयन्ताम् लोकयाञ्चक्रे लोकयाञ्चक्राते लोकयाञ्चक्रिरे ह्य. अश्लोकयत अश्लोकयेताम् अश्लोकयन्त लोकयाञ्चकृषे लोकयाञ्चक्राथे लोकयाञ्चकृट्वे अ. अशुश्लोकत अशुश्लोकेताम् अशुश्लोकन्त लोकयाञ्चके लोकयाञ्चकृवहे लोकयाञ्चकृमहे प. श्लोकयाञ्चक्रे श्लोकयाञ्चक्राते श्लोकयाञ्चक्रिरे लोकयाम्बभूव/लोकयामास
आ. श्लोकयिषीष्ट श्लोकयिषीयास्ताम् श्लोकयिषीरन् लोकयिषीष्ट लोकयिषीयास्ताम् लोकयिषीरन् ।
श्लोकयिता श्लोकयितारौ श्लोकयितार: लोकयिषीष्ठाः लोकयिषीयास्थाम लोकयिषीदवम्
प्रलोकयिष्यते श्लोकयिष्येते श्लोकयिष्यन्ते
लोकयिषीध्वम् क्रि. अश्लोकयिष्यत अश्लोकयिष्येताम् अश्लोकयिष्यन्त लोकयिषीय लोकयिषीवहि लोकयिषीमहि
६१४ देकृङ् (द्रेक्) शब्दोत्साहे। श्व. लोकयिता लोकयितारौ लोकयितार:
परस्मैपद लोकयितासे लोकयितासाथे लोकयिताध्वे
व. द्रेकयति द्रेकयतः नेकयन्ति लोकयिताहे लोकयितास्वहे लोकयितास्महे
स. द्रेकयेत द्रेकयेताम् द्रेकयेयुः लोकयिष्यते लोकयिष्येते लोकयिष्यन्ते
नेकयन्तु
प. द्रेकयतु/द्रेकयतात् द्रेकयताम् लोकयिष्यसे लोकयिष्येथे लोकयिष्यध्वे
अद्रेकयत् अद्रेकयताम् अद्रेकयन् लोकयिष्ये लोकयिष्यावहे लोकयिष्यामहे
अदिद्रेकत् अदिद्रेकताम्
अदिद्रेकन् क्रि. अलोकयिष्यत अलोकयिष्येताम् अलोकयिष्यन्त
प. द्रेकयाञ्चकार द्रेकयाञ्चक्रतुः
द्रेकयाञ्चक्रुः अलोकयिष्यथाः अलोकयिष्येथाम् अलोकयिष्यध्वम्
आ. द्रेक्यात् द्रेक्यास्ताम्
द्रेक्यासुः अलोकयिष्ये अलोकयिष्यावहि अलोकयिष्यामहि
श्व. द्रेकयिता द्रेकयितारौ द्रेकयितारः ६१३ श्लोकङ् (श्लोक्) संघाते।
भ, द्रेकयिष्यति द्रेकयिष्यतः द्रेकयिष्यन्ति परस्मैपद
क्रि. अद्रेकयिष्यत् अद्रेकयिष्यताम् अद्रेकयिष्यन् व. श्लोकयति श्लोकयतः श्लोकयन्ति
आत्मनेपद स. श्लोकयेत् श्लोकयेताम् श्लोकयेयुः व. द्रेकयते नेकयेते नेकयन्ते प. श्लोकयतु/श्लोकयतात् श्लोकयताम् श्लोकयन्तु
द्रेकयेत द्रेकयेयाताम् नेकयेरन् ह्य. अश्लोकयत् अश्लोकयताम् अश्लोकयन्
द्रेकयताम् द्रेकयेताम् द्रेकयन्ताम् अ. अशुश्लोकत् अशुश्लोकताम् अशुश्लोकन्
अद्रेकयत अद्रेकयेताम् अनेकयन्त प. श्लोकयाञ्चकार श्लोकयाञ्चक्रतुः श्लोकयाञ्चक्रुः
अदिद्रेकत अदिद्रेकेताम् अदिद्रेकन्त आ. श्लोक्यात् श्लोक्यास्ताम् श्लोक्यासुः
द्रेकयाञ्चके द्रेकयाञ्चक्राते द्रेकयाञ्चक्रिरे
भ.
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