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[ २२ ]
अथ बृहद्रव्यसंग्रहस्य विषयसूची
विषय
वि. सं.
१ टीकाकारका मंगलाचरण
२ उपोद्घात
३ तीन अधिकारोंका वर्णन
४ प्रथम अधिकारके तीन अंतराधिकार
५ प्रथम अधिकारकी समुदायपातनिका
प्रथम अधिकारका प्रथम अन्तराधिकार
६ मंगलाचरण
७ संबंध, अभिधेय और प्रयोजनका सूचन
८ जीव आदि नौ अधिकारोंका सूचन
९ जीवकी सिद्धिका व्याख्यान १० चार प्रकारके दर्शनोपयोगका वर्णन
११ आठ प्रकारके ज्ञानोपयोगका वर्णन
१२ नयोंके विभागसे ज्ञान तथा दर्शनोपयोगका वर्णन
१३ जीवकी अमूर्तताका वर्णन
१४ जीवके कर्त्तापनका वर्णन
१५ जीवके भोक्तापनका वर्णन
१६ 'जीव निजशरीरके प्रमाण है' यह वर्णन
सस्थावरपनेको पाता है'
१७ 'जीव कर्मवश यह वर्णन
१८ चौदह जीवसमासोंका वर्णन
१९ चौदह गुणस्थान और चौदह मार्गणास्थानोंका वर्णन
२० सिद्धजीवका स्वरूप और जीवके ऊर्ध्वगतिस्वभावका वर्णन
प्रथम अधिकारका द्वितीय अन्तराधिकार
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२१ अजीव द्रव्यका वर्णन
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२२ पुद्गल द्रव्यके विभावव्यंजन पर्यायों का वर्णन ४० २३ धर्मद्रव्यका वर्णन
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वि. सं.
२४ अधर्मद्रव्यका वर्णन
२५ आकाशद्रव्यका वर्णन
२६ लोकाकाशका वर्णन
विषय
२७ कालद्रव्यका वर्णन
२८ निश्चयकालद्रव्यका वर्णन
प्रथम अधिकारका तृतीय अन्तराधिकार
२९ पंचास्तिकायका वर्णन
३० अस्तित्व और कायत्वका वर्णन
३१ छहों द्रव्योंके प्रदेशोंका वर्णन अथवा कालके अकायत्वका वर्णन
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३२ 'पुद्गल परमाणु के उपचारसे कायत्व है' यह
कथन
३३ प्रदेशका लक्षण
प्रथमाधिकारकी चूलिका
३४ षद्रव्यों का विशेष वर्णन
'परिणामिजीवमुत्तं ' गाथा १ 'दुण्णिय एयं एवं' गाथा २ द्वितीय अधिकार
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३५ 'सप्ततत्त्व और नव पदार्थोंकी सिद्धि कैसे होती है ?" यह वर्णन
३६ 'किस पदार्थका कौन कर्त्ता है ?' यह वर्णन ३७ जीव अजीवके भेदरूप आस्रवादि पदार्थोंका कथन
६८
३८ भावास्रव और द्रव्यास्रवके स्वरूपका कथन ६९ ३९ भावास्रवका विशेष वर्णन
७०
४० द्रव्यात्रवका विशेष वर्णन
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४१ भावबंध और द्रव्यबंधक स्वरूपका कथन ४२ बंधके भेद और कारणोंका वर्णन
७३
४३ भावसंवर और द्रव्यसंवर के स्वरूपका कथन ७६
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