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क्रमांक
विषयानुक्रमणिका
ब्रह्मदत्त चक्रवर्ती चरित्र
विषय
१ पूर्वभव
१
२ चित्र-संभूतिxx नमूची का विश्वासघात
२
३ चित्र-संभूति आत्मघात से बचकर मुनि बने ३
५
४ नमूची की नीचता और तपस्वी का कोप ५ मुनिराज चित्र-संभूति का अनशन ६ तपस्वी सन्त बाजी हार गए X ब्रह्मदत्त का जन्म
६
७ माता का दुराचार और पुत्र का दुर्भाग्य ८ रक्षक ही भक्षक बने
९ ब्राह्मण पुत्री का पाणिग्रहण
१० वरधनु शत्रुओं के बन्धन में
११ गजराज के पीछे
१२ दिव्य खड्ग की प्राप्ति
१३ जंगल में मंगल
१४ श्री कान्ता से लग्न
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पृष्ठ क्रमांक
क्रमांक
विषय
३३ इन्द्रधनुष वैराग्य का निमित्त बना
३४ गजेन्द्र को प्रतिबोध
३५ चौथा भव किरणवेग
३६ वज्रनाभ का छठा भव
७
१०
११
१२
१३
१४
१४
१६
१५ ब्रह्मदत्त डाकू बना xx मित्र का मिलाप १७
१६ दीर्घ का मंत्री-परिवार पर अत्याचार
१८
८
पृष्ठ
विषय
१७ वरधनु ने माता का उद्धार किया
१६
१८ कौशाम्बी में कुर्कुट-युद्ध
२०
१६ ब्रह्मदत्त का कौशांबी से प्रयाण और लग्न २२
२० डाकुओं से युद्ध xx वरधनु लुप्त
२३
२१ खण्डा और विशाखा से मिलन और लग्न २३ २२ वरधनु का श्राद्ध और पुनर्मिलन
२६
२३ गजराज पर नियन्त्रण और राजकुमारी
से लग्न
४३
४३
भगवान् पाश्र्वनाथजी
४५
४६
२६
२४ राज्य प्राप्त करने की उत्कण्ठा
२७
२५ ब्रह्मदत्त का दीर्घ के साथ युद्ध और विजय २८
२६ जातिस्मरण और बन्धु की खोज
२६
२७ योगी और भोगी का सम्वाद
३१
३३
२८ भोजन भट्ट की याचना
२९ नागकुमारी को दण्ड xx नागकुमार
से पुरस्कृत
३० स्त्री हठ पर विजय
३१ चक्रवर्ती के भोजन का दुष्परिणाम ३२ पापोदय और नरक-गमन
क्रमांक
विषय
३७ सुवर्णबाहु चक्रवर्ती का आठवां भव ३८ ऋषि के आश्रम में पद्मावती से लग्न
३६ पुत्री को माता की शिक्षा
४० दीक्षा और तीर्थंकर नामकर्म का बंध
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३९
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