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________________ भयंकर विपत्ति xxxहनुमान का जन्म 'कनकपुर नगर में कनकरथ राजा था । उसके कनकवती और लक्ष्मीवती नाम की दो रानियाँ थीं । कनकवती थी मिथ्यात्वप्रिय एवं श्री जिनधर्म की द्वेषिनी और लक्ष्मीवती थी जिनधर्मानुरागिनी । कनकवती ने द्वेषवश एक मुनि का रजोहरण चुपके से हरण कर के छुपा दिया । रजोहरण के अभाव में साधु कहीं जा नहीं सकते । उसका आहार-पानी छूट गया । अंत में कनकवती का द्वेष हटा। उसने रजोहरण दे कर क्षमा याचना की । मुनिवर के उपदेश से वह धर्मप्रिय हुई और जिनधर्म का पालन करने लगी । यथाकाल आयु पूर्ण कर, सौधर्म स्वर्ग में देवी हुई और वहां से च्यव कर अंजना सुन्दरी हुई । कनकसुन्दरी के रजोहरण छुपाने में सह यक बनने वाली तू यहां सखी रूप में हुई । दोनों सखियां उस पाप का फल भोग रही हो । अब वह अशुभ कर्म समाप्त होने वाला है । थोड़े ही समय में अंजना का मामा अकस्मात् आ कर ले जाएगा और कुछ दिनों बाद पति का मिलाप भी हो जायगा । तुम जिनधर्म को ग्रहण कर के पालन करती रहोगी, तो भविष्य में ऐसी विपत्ति कभी नहीं आएगी । यह सारा दुःख, क्लेश, विपत्ति और कलंक आदि पूर्वभव के पाप का ही फल है । धर्म का आचरण करने से जीव सुखी होता है ।" भयंकर विपत्ति इस प्रकार भविष्य बतला कर और दोनों सखियों के मन में धर्म एवं संतोष की स्थापना कर के विद्याचारण मुनिराज उठे और 'णमो अरिहंताणं' उच्चारण करके गरुड़ के समान आकाश में उड़ गए। मुनिराज के जाने के थोड़ी देर बाद ही एक विकराल सिंह वहाँ आया । वह मस्ती में झुम रहा था और गर्जना कर के सारे बनचर जीवों को भयभीत कर रहा था । खरगोश, श्रृंगाल और हिरन ही नहीं, बड़े-बड़े गजराज भी सिंह की दहाड़ सुन कर भागे जा रहे थे । दोनों सखियाँ घबड़ाई । उनका हृदय दहल उठा और घिग्घी बंध गई । वे ऋषिवर के बताये हुए नमस्कार महामन्त्र का स्मरण करने लगी । 1 ६६ हनुमान का जन्म मुनिराज ने जिस गुफा में ध्यान किया था, उस गुफा का अधिपति मणिचूल नामक ** त्रि.श. च. में 'जिनबिंब' हरण करने का उल्लेख है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001916
Book TitleTirthankar Charitra Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1988
Total Pages680
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, Literature, & Biography
File Size14 MB
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