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________________ तीर्थङ्कर चरित्र "मेरा पति मुझे सोती हुई छोड़ कर चला गया है ।" सुकुमालिका की यह बात सुन कर दासी ने सागरदत्त सेठ से जामाता के चले जाने की बात कही । दासी की बात सुन कर साग रदत्त क्रोधित हुआ और जिनदत्त सेठ के पास जा कर कहने लगा। "देवानुप्रिय ! तुम्हारा पुत्र, मेरी पुत्री को छोड़ कर यहाँ चला आया है। यह उचित और उत्तम कुल के योग्य नहीं है। मेरी पतिव्रता निर्दोष पुत्री को त्याग कर वह क्यों चला आया ? क्या अपराध हुआ था मेरी पुत्री से ?" बहुत ही दुखित मन और भग्न स्वर से कही हुई सागरदत्त की बात को सुन कर जिनदत्त अपने पुत्र सागर के पास आया और बोला-"पुत्र ! तुमने बहुत बुरा किया, जो सुकुमालिका को छोड़ कर यहाँ आए । अब तुम अभी इसी समय वहाँ जाओ। तुम्हें ऐसा नहीं करना था।" पिता की बात सुन कर सागर ने कहा “पिताजी ! मुझे पर्वत-शिखर से गिर कर, वृक्ष पर फांसी लटक कर, विष खा कर, कुएँ में डूब कर और आग में जल कर मरना स्वीकार है, विदेश चला जाना और साधु बन जाना भी स्वीकार है, परंतु सामरदत्त के घर जाना स्वीकार नहीं है । मैं अब वहाँ नहीं जाऊँगा।" सागरदत्त प्रच्छन्न रह कर अपने जामाता की बात सुन रहा था। उसने समझ लिया कि अब यह नहीं आएगा। वह निराश हो कर वहां से निकला और घर आ कर पुत्री को सान्त्वना देते हुए कहने लगा- . पुत्री ! तू चिन्ता मत कर । सागर गया, तो गया। में अब तुझे ऐसे पुरुष को दूंगा, जो तुझे प्रिय होगा और तेरे अनुकूल रहेगा।" भिखारी का संयोग और वियोग सागरदत्त ने पुत्री को आश्वासन दे कर संतुष्ठ किया। एक दिन सागरदत्त अपने भवन के गवाक्ष में बैठा, राजमार्ग पर होता हुआ गमनागमन का दृश्य देख रहा था। उसकी दृष्टि ने एक ऐसे भिखारी को देखा, जिसके हाथ में एक फूटे घड़े का ठिबड़ा और सिकोरा था, कपड़े फटे हुए और अनेक टुकड़ों से जोड़े हुए थे, मक्खियाँ उस पर भिनभिना रही थी। उस मैले कुचेले जवान भिखारी को देख कर सागरदत्त ने अपने सेवकों से कहा"देखो वह भिखारी जा रहा है, उसे भोजन का लोभ दे कर यहाँ ले आओ। उसके फटे Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001916
Book TitleTirthankar Charitra Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1988
Total Pages680
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, Literature, & Biography
File Size14 MB
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