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सत्तास्थान
प्रकृतियां
जघन्य काल
उत्कृष्ट काल
३६८
स्त्रीवेद का क्षय
अन्तर्मुहूर्त
अन्तमुहूर्त
हास्यषट्क क्षय
पुरुषवेद का क्षर
संज्व. क्रोध क्षय
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,, मान क्षय
" माया क्षय
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पंचसग्रह : १०