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________________ सप्ततिका प्ररूपणा अधिकार : गाथा ५६, ६० ११५ विशेषार्थ इन दो गाथाओं से नामकर्म के बंधस्थानों का गति आदि भेदों की अपेक्षा विचार प्रारंभ किया है कि किस गति और इन्द्रिय वाले जीव के कितने बंधस्थान संभव हैं । जिसका कथन प्रारम्भ किया है एकेन्द्रिय जीव से कि एकेन्द्रिय जीव की अपेक्षा तेईस, पच्चीस और छब्बीस प्रकृतिक ये तीन बंधस्थान होते हैं । जो इस प्रकार जानना चाहिये 'तग्गयणुपुविजाई अर्थात् इस संकेत का यह अर्थ समझना चाहिये कि गाथा में जो स्थावर शब्द आया है उसके सान्निध्य से तत् शब्द द्वारा तियंचगति, तिर्यचानुपूर्वी, एकेन्द्रियजाति का ग्रहण किया गया है । इसका यह आशय हुआ कि तिर्यंचगति, तियंचानुपूर्वी, एकेन्द्रियजाति, दुःस्वर नामकर्म बिना स्थावर, सूक्ष्म, अपर्याप्त, साधारण, अस्थिर, अशुभ, दुभंग, अनादेय, अयशः कीर्ति ये स्थावरादि नौ, तेजस, कार्मण, वर्णचतुष्क, अगुरुलघु, निर्माण और उपघात ये ध्रुवबंधिनी नाम - नवक, हुण्डसंस्थान और औदारिक शरीर ये तेईस प्रकृतियां अपर्याप्त स्थावर - अपर्याप्त एकेन्द्रिययोग्य जानना चाहिये । यानि अपर्याप्त एकेन्द्रिययोग्य बंध करते तिथंच और मनुष्य उक्त तेईस प्रकृतियां बांधते हैं । ...... पूर्व में अपर्याप्त एकेन्द्रिययोग्य प्रकृतियां मात्र संभावना से ग्रहण की हैं । इन पच्चीस में परस्पर विरोधिनी प्रकृतियां भी ली हैं । क्योंकि उनमें सामान्यतः सूक्ष्म, बादर के विभाग के सिवाय अपर्याप्त एकेन्द्रिययोग्य बंध करते कितनी प्रकृति बंधती है, यह कहा है । जबकि यहाँ विभागपूर्वक साधारण, सूक्ष्म, अपर्याप्त एकेन्द्रिययोग्य बंध करते एवं प्रत्येक, बादर, अपर्याप्त, एकेन्द्रिययोग्य बंध करते कितनी बंधती हैं, यह कहा । जिससे पूर्व में कही पच्चीस प्रकृतियों में से परस्पर विरुद्ध प्रकृतियों को अलग कर दिया जाये तब तेईस प्रकृतियां शेष रहती हैं, जिनका यहाँ उल्लेख किया है । ऐसा होने से तेईस प्रकृतिक बंध के यह चार प्रकार होते हैं१. बादर और साधारण के साथ तेईस प्रकृतियों के बांधने पर पहला, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001907
Book TitlePanchsangraha Part 10
Original Sutra AuthorChandrashi Mahattar
AuthorDevkumar Jain Shastri
PublisherRaghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
Publication Year1985
Total Pages572
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size24 MB
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