________________
(
२४ )
१३७
गाथा ६९
१३२- १३५ प्रकृतिस्थानों की साद्यादि प्ररूपणा
१३२ गाथा १००
१३५-१३६ स्थिति देशोपशमना
१३५ गाथा १०१
१३७-१३६ अनुभाग-प्रदेश देशोपशमना
निद्धत्ति-निकाचनाकरण गाथा १०२
१३६-१४० निद्धत्ति और निकाचनाकरण प्ररूपणा
१३६ गाथा १०३
१४० देशोपशमना आदि में प्रदेशों का अल्पबहुत्व
१४० गाथा १०४
१४१ आठों करणों के अध्यवसायों का अल्पबहुत्व
१४१ परिशिष्ट
उपशमनादि करणत्रय प्ररूपणा अधिकार की मूल गाथाएँ
१४२ प्रकरणगत गाथाओं की अकाराद्यनुक्रमणिका सम्यक्त्वोत्पाद प्ररूपणा का सारांश
१५३ अनन्तानुबंधि की विसंयोजना एवं उपशमनासबन्धी विधि १६५ दर्शनत्रिक की उपशमना विधि
१६७ दर्शनत्रिक क्षपणा की विधि
१६६ चारित्रमोहनीय की उपशमना का स्वामित्व
१७४ चारित्रमोहनीय की सर्वोपशमना विधि का संक्षिप्त सारांश
१७६ भिन्न भिन्न कषाय और वेद के उदय से श्रेणि आरोहण क्रम
१५१
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org