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गाथा ६२
नरकगति, हुंड संस्थान, उपघात, अप्रशस्त विहायोगति, दुःस्वरचतुष्क, नीच गोत्र का उत्कृष्ट अनुभागोदीरणा स्वामित्व
गाथा ६३
( २६ )
कर्कश, गुरु स्पर्श, अंतिम पांच संहनन, स्त्री-पुरुष वेद, मध्यम संस्थानचतुष्क, तिर्यंचगति नाम का उत्कृष्ट अनुभागोदीरणा स्वामित्व
गाथा ६४
मनुष्यगति, प्रथम संहनन, औदारिकसप्तक, आयुचतुष्क का उत्कृष्ट अनुभागोदीरणा स्वामित्व
गाथा ६५
आद्य जातिचतुष्क, सूक्ष्म, साधारण, स्थावर नाम का उत्कृष्ट अनुभागोदीरणा स्वामित्व
गाथा ६६
गाथा ६७
आतप, उद्योत, आनुपूर्वीचतुष्क का उत्कृष्ट अनुभागोदीरणा स्वामित्व
गाथा ६८
पूर्वोक्त शेष शुभ एवं अशुभ प्रकृतियों का उत्कृष्ट अनुभागोदीरणा स्वामित्व
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आदि संस्थान, मृदु-लघुस्पर्श, प्रत्येक, प्रशस्त विहायोगति, पराघात, आहारकसप्तक का उत्कृष्ट अनुभागोदीरणा स्वामित्व
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