SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 105
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पंचसंग्रह : ८ प्रकृतियों को शुभ कहा हो, उनको उदीरणा में भी शुभ और यदि अशुभ कहा हो तो अशुभ ही समझना चाहिए। प्रश्न -किस प्रकार के रस की सत्ता में रहता जीव उत्कृष्ट अनुभाग की उदीरणा करता है ? उत्तर --उत्कृष्ट अनुभाग की सत्ता में षट्स्थानपतित होने पर भी उत्कृष्ट रस की उदीरणा होती है। इसका तात्पर्य यह है कि जब सर्वोत्कृष्ट रस का बंध हो तब सर्वोत्कृष्ट रस की सत्ता होती है। सत्ता में वर्तमान वह सर्वोत्कृष्ट रस अनन्तभागहीन अथवा असंख्यातभागहीन, संख्यातभागहीन, संख्यातगुणहीन, असंख्यातगुणहीन या अनन्तगुणहीन हो तो भी उत्कृष्ट रस की उदीरणा होती हैं। इसका कारण यह है कि अनन्तानन्त स्पर्धकों के अनुभाग का क्षय होने पर भी अनन्त स्पर्धक बंध के समय जैसे रस वाले बँधे थे, वैसे ही रस वाले रहते हैं। जितने स्पर्धक बँधे, उन समस्त स्पर्धकों में रस कम नहीं होता है, परन्तु अमुक-अमुक स्पर्धकों में से अनन्तभागहीन या अनन्तगुणहीन आदि रस कम होता है । जिससे मूल --बंधते समय जो रस बंधा था, वह सामुदायिक रस की अपेक्षा अनन्तगुणहोन अनन्तवें भाग रस शेष रहने पर भी उत्कृष्ट रस की उदीरणा होती है तो फिर असंख्यातगुणहीन आदि रस शेष रहे तब भी उत्कृष्ट रस की उदोरणा हो उसमें कुछ आश्चर्य नहीं है। १ कुल सामुदायिक रस में से अनन्तवां भाग, असंख्यातवां भाग या संख्यातवां भागरस जो कम होता है, वह अनुक्रम से अनन्तभागहीन, असंख्यातभाग - हीन और संख्यातभागहीन तथा समस्त अनुभाग का अनन्तवां भाग, असंख्यातवां भाग या संख्यातवां भाग ही सत्ता में शेष रहे त वह अनन्तगुणहीन, असंख्यातगुण हीन यां सख्यांतगुण हीन हुआ कहलाता है। अनन्तभागहीन यानि मात्र अनन्तवां भाग ही न्यून और अनन्तगुणहीन हो यानि अनन्तवां भाग शेष रहे यह अर्थ समझना चाहिये। शेष भागहीन या गुणहीन में भी. ऊपर कहे अनुसार ही समझना चाहिए। For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.001905
Book TitlePanchsangraha Part 08
Original Sutra AuthorChandrashi Mahattar
AuthorDevkumar Jain Shastri
PublisherRaghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
Publication Year1985
Total Pages230
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy