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पंचसंग्रह : ६
८. (लब्धि - अपर्याप्त संज्ञी पंचेन्द्रिय के जघन्य योग से) लब्धि - अपर्याप्त सूक्ष्म निगोदिया जीव का उत्कृष्ट योग असंख्यात गुणा है । उससे—
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६. लब्धि - अपर्याप्त बादर एकेन्द्रिय का उत्कृष्ट योग असंख्यात गुणा है। उससे—
१०. पर्याप्त सूक्ष्म निगोदिया जीव का जघन्य योग असंख्यात गुणा है । उससे—
११. पर्याप्त बादर एकेन्द्रिय जीव का जघन्य योग असंख्यात गुणा है। उससे
१२. पर्याप्त सूक्ष्म निगोदिया जीव का उत्कृष्ट योग असंख्यात गुणा है । उससे—
१३. पर्याप्त बादर एकेन्द्रिय जीव का उत्कृष्ट योग असंख्यात गुणा है। उससे
१४. लब्धि - अपर्याप्त द्वीन्द्रिय जीव का उत्कृष्ट योग असंख्यात गुणा है । उससे—
१५. लब्धि - अपर्याप्त त्रीन्द्रिय जीव का उत्कृष्ट योग असंख्यात गुणा है । उससे—
१६. लब्धि- अपर्याप्त चतुरिन्द्रिय जीव का उत्कृष्ट योग असंख्यात गुणा है। उससे
१७. लब्धि - अपर्याप्त असंज्ञी पंचेन्द्रिय जीव का उत्कृष्ट योग असंख्यात गुणा है । उससे—
१८. लब्धि - अपर्याप्त संज्ञी पंचेन्द्रिय जीव का उत्कृष्ट योग असंख्यात गुणा है । उससे—
१६. पर्याप्त द्वीन्द्रिय का जघन्य योग असंख्यात गुणा है । उससे—
२०. पर्याप्त त्रीन्द्रिय का जघन्य योग असंख्यात गुणा है । उससे— २१. पर्याप्त चतुरिन्द्रिय का जघन्य योग असंख्यात गुणा है ।
उससे—