________________
षट्स्थानक में अधस्तनस्थान प्ररूपणा का स्पष्टीकरण
२६३
द्व यन्तरित मार्गणा में
कंडकघन, दो कंडकवर्ग और कंडकप्रमाण (असत् कल्पना से ४४४४ ४ = ६४+१३+१६+४= १००)। त्र्यन्तरित मार्गणा में
कडकवर्गवर्ग, तीन कंडकघन, तीन कंडकवर्ग, और कंडकप्रमाण (कल्पना से १६४१६ = २५६+१६२+४+४=५००) । चतुरन्तरित मार्गणा में
८ कंडकवर्गवर्ग, ६ कंडकघन, ४ कंडकवर्ग और १ कंडकप्रमाण (कल्पना से २५६ x ८=२०४८+३८४+६४+४ = २५००) ।
इस प्रकार कल्पना से प्रथम अनन्तगुग वृद्धि के स्थान से पूर्व ४+२०+१००+५००+२५०० = ३१२४ स्थान होते हैं ।