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२३४
( ४२ ) गाथा ६५
अनुभाग बन्ध की अपेक्षा मूल प्रकृतियों की सादि-अनादि प्ररूपणा
२३१ मूल प्रकृतियों की सादि-अनादि प्ररूपणा के प्रारूप गाथा ६६
२३५----२३६ उत्तर प्रकृतियों को सादि, अनादि प्ररूपणा
२३५ सादि-अनादि प्ररूपणा सम्बन्धी प्रारूप
२३८ गाथा ६७
२४०-२४० अशुभ ध्रुववंधिनी प्रकृतियों के जघन्यअजघन्य अनुभागबंध का स्वामित्व
२४० गाथा ६८
२४१-२४२ शुभ प्रकृतियों के उत्कृष्ट अनुत्कृष्ट अनुभागबंध का स्वामित्व
___ २४१ गाथा ६६
२४२-२४६ कतिपय शुभ प्रकृतियों एवं समस्त अशुभ प्रकृतियों के उत्कृष्ट अनुभाग बंध का स्वामित्व
२४२ गाथा ७०
२४७-२४६ आहारकद्विक का जघन्य अनुभाग बन्ध स्वामित्व २४८ देव-नारक बंधायोग्य प्रकृतियों का जघन्य अनुभाग बन्ध स्वामित्व
२४८ गाथा ७१
२४६-२५१ औदारिकद्विक आदि छह प्रकृतियों एवं तीर्थंकरनाम का जघन्य अनुभाग बन्ध स्वामित्व
२४६ गाथा ७२
२५१-२५३ शुभ ध्रुवबंधिनी अष्टक-त्रसचतुष्क आदि पन्द्रह प्रकृतियों का जघन्य अनुभाग बंध स्वामित्व
२५२
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