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- श्री चन्द्रषिमहत्तर प्रणीत पंचसंग्रह (३) (बंधव्य-प्ररूपणा अधिकार)
0 हिन्दी व्याख्याकार स्व० मरुधरकेसरी प्रवर्तक श्री मिश्रीमल जी महाराज
। संयोजक-संप्रेरक
मरुधराभूषण श्री सुकनमुनि
C सम्पादक
देवकुमार जैन
" प्राप्तिस्थान
श्री मरुधरकेसरी साहित्य प्रकाशन समिति पीपलिया बाजार, ब्यावर (राजस्थान)
- प्रथमावृत्ति
वि० सं० २०४२, वैशाख, अप्रैल १९८५
लागत से अल्पमूल्य १०/- दस रुपया सिर्फ
2 मुद्रण
श्रीचन्द सुराना 'सरस' के निदेशन में एन० के० प्रिंटर्स, आगरा
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