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।। श्री चन्द्रषि महत्तर प्रणीत
पंचसंग्रह (२) (बंधक-प्ररूपणा अधिकार)
- हिन्दी व्याख्याकार स्व० मरुधरकेसरी प्रवर्तक श्री मिश्रीमल जी महाराज
- संयोजक-संप्रेरक
मरुधराभूषण श्री सुकनमुनि
[] सम्पादक
देवकुमार जैन
प्राप्तिस्थान श्री मरुधरकेसरी साहित्य प्रकाशन समिति पीपलिया बाजार, ब्यावर (राजस्थान)
। प्रथमावृत्ति
वि० सं० २०४१, पौष, जनवरी १९८५
लागत मात्र १०/- दस रुपया सिर्फ
[ मुद्रण
श्रीचन्द सुराना 'सरस' के निदेशन में . एन० के० प्रिंटर्स, आगरा
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