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पंचसंग्रह : २
___अर्थात् काल सूक्ष्म है, लेकिन उससे भी सूक्ष्मतर आकाशप्रदेश रूप क्षेत्र है। जिसके एक अंगुल प्रमाण क्षेत्र में इतने अधिक आकाशप्रदेश हैं कि उनमें से प्रतिसमय एक-एक आकाशप्रदेश लिया जाये तो असंख्यात उत्सर्पिणी-अवसर्पिणी काल बीत जाता है । इसीलिये उत्कृष्ट पद में मनुष्यों का प्रमाण काल से असंख्यात उत्सर्पिणी-अवसर्पिणी के समय प्रमाण कहा है और क्षेत्रापेक्षा सूचिश्रेणि के एक अंगुल प्रमाण क्षेत्र के पहले वर्गमूल को तीसरे वर्गमूल द्वारा गुणा करने पर प्राप्त प्रदेश प्रमाण वाले सूचिश्र णि के जितने खंड, उनमें से एक कम करने पर उतने उत्कृष्ट पद में मनुष्य बतलाये हैं।
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