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गाथा ३१
लेश्या मार्गणा का विशेष स्पष्टीकरण से वर्णन
गाथा ३२
( ३० )
भव्य और संज्ञी मार्गणा में गुणस्थान
गाथा ३३
वेदक, क्षायिक और उपशम सम्यग्दृष्टि मार्गणाओं में
गुणस्थान
गाथा ३४
आहारक मार्गणा में गुणस्थान, ग्रन्थ का उपसंहार और बंधक अधिकार के कथन का सूचन
परिशिष्ट
१६०-१६८
१६०
१६८-२००
१६६
२००-२०२
२०१
२०२-२०४
१. योगोपयोग मार्गणा - अधिकार की मूल गाथाएँ
२. ( १ ) दिगम्बर साहित्य में अपेक्षाभेद से जीवस्थानों के भेदों का वर्णन
(२) संज्ञी - असंज्ञी सम्बन्धी विशेषावश्यक भाष्यगत विवेचन १२ (३) प्रज्ञापनासूत्र एवं तत्त्वार्थभाष्यगत पर्याप्ति सम्बन्धी
वर्णन
(४-५ ) दिगम्बर कर्मसाहित्य में जीवस्थानों में योग-उपयोग का निर्देश
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१-६८
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(६) सामायिक आदि पांच चारित्रों का परिचय
२२
( ७ ) औपशमिक सम्यक्त्व-प्राप्ति विषयक प्रक्रिया का सारांश २८ (८) दिगम्बर कर्मग्रन्थिकों का मार्गणास्थानों में योग का
कथन
( 8 ) दिगम्बर कर्म साहित्य में मार्गणास्थानों में उपयोग
विचार
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