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क्र० सं० मार्गणा नाम
१ - गतिमार्गणा
१ नरकगति
१
२
३
४
६
४ देवगति
२ - इन्द्रियमार्गणा
५ १ एकेन्द्रिय
२ तिर्यंचगति १३ आहारकद्विक ६ मनपर्यायज्ञान, केवल
के सिवाय
द्वि के सिवाय
२ द्वीन्द्रिय
योगों की संख्या और नाम
३ मनुष्यगति १५ मन, वचन, काय योग के
सभी भेद
११ नरकगतिवत् ६ नरकगतिवत्
३ त्रीन्द्रिय
११ औदारिकद्विक
और आहारक
द्विक के सिवाय
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पंचसंग्रह (१)
उपयोगों की संख्या व
नाम
मनपर्यायज्ञान, केवल
द्विक के सिवाय
१२ सभी उपयोग (८ ज्ञानोपयोग, ४ दर्शनोपयोग )
५ कार्मण, औदा - ३ मति श्रुत- अज्ञान, अचक्षुदर्शन
रिकद्विक,
वैक्रियद्विक
४ कार्मण, औदा- ३ मति श्रुत अज्ञान, रिकद्विक, अस अचक्षुदर्शन
त्यामृषाभाषा
४ कार्मण, औदा- ३ मति श्रुत अज्ञान, रिकद्विक, अस- अचक्षुदर्शन
त्यामृषाभाषा
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