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परिशिष्ट- ३
बुर्भगत्रिक - दुभंग नाम, दु:स्वर नाम, अनादेय नाम । द्वितीय कषाय- -अप्रत्याख्यानावरण क्रोध, मान, माया, लोभ ।
देवत्रिक – देवगति, देवानुपूर्वी, देवायु ।
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देवद्विक -- देवगति, देवानुपूर्वी ।
वो युगल - हास्य रति, शोक -अरति ।
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(न)
नपुंसक चतुष्क नपुंसक वेद, मिथ्यात्व मोहनीय, हुंडसंस्थान, सेवार्तसंहनन । नरत्रिक - मनुष्य गति, मनुष्यानुपूर्वी, मनुष्यायु । नरद्विक मनुष्यगति, मनुष्यानुपूर्वी ।
नरकत्रिक - नरकगति, नरकानुपूर्वी, नरकायु । नरकद्विक - नरकगति, नरकानुपूर्वी ।
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नरकद्वाक्श - नरकगति, नरकानुपूर्वी, नरकायु, सूक्ष्म, साधारण, अपर्याप्त, एकेन्द्रिय, द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय जाति, स्थावर नाम, आतप नाम । नरकनवक -- नरकगति, नरकानुपूर्वी, नरकायु, सूक्ष्म, साधारण, अपर्याप्त, द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय जाति ।
नरकषोडश ( नरकगति आदि १६ प्रकृतियाँ) नरकगति, नरकानुपूर्वी, नरकायु, एकेन्द्रिय जाति, द्विन्द्रिय जाति, त्रीन्द्रिय जाति, चतुरिन्द्रिय जाति, स्थावर नाम, सूक्ष्म नाम, अपर्याप्त नाम, साधारण नाम, हुंड संस्थान, सेवार्त संहनन, आतप नाम, नपुंसकवेद, मिथ्यात्वमोहनीय |
निद्राद्विक – निद्रा, प्रचला ।
निद्रापंचक-निद्रा, निद्रा-निद्रा, प्रचला, प्रचलाप्रचला, स्त्यानद्ध । नोheraras - हास्य, रति, अरति, शोक, भय, जुगुप्सा, स्त्रीवेद, पुरुषवेद,
नपुंसकवेद |
(प)
पराघात सप्तक -- पराघात, उच्छ्वास, आतप, उद्योत, अगुरुलघु, तीर्थंकर, निर्माण नाम ।
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प्रत्याख्यानावरणकषायचतुष्क – प्रत्याख्यानावरण क्रोध, मान, माया, लोभ । प्रत्येक अष्टक - पराघात, उच्छ्वास, आतप, उद्योत, अगुरुलघु, तीर्थंकर, निर्माण,
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