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गाथाङ्क
प्राकृत विगल विणा
३,१५,१९,२७,३६
६,१८,५५,५८,६१ २८,३०,३३,४७,५३,५५,६०
१४,४०
३५
संस्कृत विघल बिना बिना विभङ्ग विरतिद्विक
विणु
विभ(ब्म) ग विरइदुग
हिन्दी दो, तीन और चार इन्द्रियवाले जीव। •अतिरिक्त।
अतिरिक्त। मिथ्या अवधिज्ञान। 'देशावरति' और 'सर्वविरति' नामक पाँचवें और छठे गुणस्थान। रहित। बीस। कहूँगा। 'वेद' नामक मार्गणाविशेष। वेदिका तक। क्षयोपशमसम्यग्दृष्टि जीवा स्त्रीवेद,पुरुषवेद और नपुंसकवेद।
६८
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परिशिष्ट
१,१८ ९,११,२०,३१,६१,६६
विहुण विहीन वीस
विंशति वुच्छं
वक्ष्ये वेआय)(४९,१०) वेद वेइयंत
वेदिकान्त वेयग(६६-१०) वेदक वेयति वदत्रि
७३
१३,२२,३४,४४
५८
स
सग
सप्त
साता
२१,४५,५८,६१
५२
६८
सगवन्न
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सत्तावन।
सप्तपञ्चाशत्