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प्राकृत
संस्कृत
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हिन्दी पहला।
पुवि
गाथाङ्क
७५
५८ ८,२७,६१
पुवुत्त पूर्वोक्त पहिले कहा हुआ। पंच पंचम पंचिंदि(१०-१७) पञ्चेन्द्रिय
७९
पञ्चम
पाँच। पाँचवाँ। पाँच इन्द्रियोंवाला जीव।
७६
फुड
स्फुट
स्पष्ट।
ब
परिशिष्ट
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२,३,५,७,१५,५८,५९ ५,१५,२०,३०,३५,५१ २,१०,२,७९
५६ ६५,७५,७६ १,७७,८,५०,५२
बायर(१०-३) बार(-स) बि(-य) बिकसाय बीय(-य) बंध(५-१६)
बादर द्वादश द्वि, द्वितीय द्वितीयकषाय द्वितीय बन्ध बध्नाति
स्थूल और ‘अनिवृत्तिवादर' नामक नौवाँ गुणस्थान। बारह। दो (द्वीन्द्रिय जीव) और दूसरा। 'अप्रत्याख्यानावरण' नामक कषायविशेष। दूसरा। कर्मबन्ध। बाँधता है।
५९
बंघइ
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