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गाथाङ्क
७५ ८६
२१४
७५
७४
प्राकृत खवण खित्त खिप्पड़ खिबिय खिवसु खीण । खे(क्खे) व खंध
संस्कृत क्षपण क्षिप्त क्षिप्यते क्षिप्त्वा क्षिप क्षीण क्षेप स्कन्ध
हिन्दी डालना। डाला हुआ। डाला जाता है। डालकर। डालो। 'क्षीणमोह' नामक बारहवाँ गुणस्थान तथा नष्ट। 'क्षेप' नामक संख्या-विशेष। पुद्गलों का समूह।
८२,८४ ५८,६०,६२-२,७०,७४,७५,७६
८१,८४
६९
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ग
चौथा कर्मग्रन्थ
गुण
१९ ३,१८,२३,३५,५२
५४,५६
१,७०
गई(४७-११) गति गइतस
गतित्रस
गुण गुणचत्त एकोनचत्वारिंशत् गुणठा(ट्ठा)ण(-ग) गुणस्थान(-क) (४७) गुणण गुणन
'गति' नामक मार्गणा-विशेष। 'तेज:काय' और 'वायुकाय' नामक स्थावर-विशेष। गुणस्थान। उन्तालीस। गुणस्थान।
७९
गुणा करना।
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