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गति-त्रस का लक्षण
१७४ संयम, ज्ञान और दर्शन मार्गणा का बन्धस्वामित्व १७-१८ १८२-१८४ सम्यक्त्व मार्गणा का बन्धस्वामित्व
१८६ उपशम सम्यक्त्व की विशेषता
२० १८७ लेश्या का बन्धस्वामित्व
२१-२२ १८८-१९० भव्य, सञ्झी और हारक मार्गणा का बन्धस्वामित्व २३ १९३ लेश्याओं में गुणस्थान
१९५ परिशिष्ट
भाग-१ परिशिष्ट कोष मूल कर्मग्रन्थ की गाथायें श्वेताम्बरी कर्म-विषयक-ग्रन्थ दिगम्बरी कर्म-विषयक-ग्रन्थ
२३२
२३८
२४१
२४२
२४४
२५७
भाग-२ परिशिष्ट कोश मूल कर्मग्रन्थ की गाथायें भाग-३ परिशिष्ट (क) परिशिष्ट (ख) परिशिष्ट (ग)
२६०
२६४
२७३
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