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भूमिका
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के अनुसार सुग्रीव के साथ युद्ध कर रहे बालि को मर्यादा पुरुषोत्तम राम बाण से मार देते हैं। यह अंश यथार्थ तो है पर राम के चरित्र का अपकर्षक है। इसलिए भवभूति ने महावीरचरित में इस अंश को इस रूप में प्रस्तुत किया कि पहले बालि राम को मारने के लिए आता है तब राम ने उस बालि को मार दिया।
जहाँ तक प्रधान पात्रों को जैसे नल (बाहुक), भीमनरेश, राजा दधिपर्ण (ऋतुपर्ण), जीवलक को छोड़कर शेष पात्रों का नाम बदल कर रखने का कारणजैसे केशिनी, कपिञ्जला यह है कि अप्रधान पात्रों का नामकरण नाट्यशास्त्रीय दृष्टि से रखा जाता है। इसलिए प्रधान पात्रों के नामों में परिवर्तन तो नहीं किया जाता, किन्तु सहायक पात्रों का नामकरण मूलकथा में वर्णित पात्रों के नाम से भिन्न रक्खा जाता है।
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