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________________ चतुर्थम् ] उत्तरकुरु उसुवेगा पुराई कणगवालुया कालोद अपड्डाण असिपत्त अंगमंदिर अंजणगिरि कच्छुलनारय नारय उसभकूड उसुहार अट्ठावय अमयधार अंबरतिय असियगिरि आसग्गीव खीरोद गंगा Jain Education International गंगासागर गोदावरी चंदा अरहंत ५३ नारदाः आसबिंदु दीवसि को टुकि देविल महाकाल तमतमा कंकोडय कंचणगिरि कणगगिरि किकिंधिगिरि गंधमादण नीलगिरि नीलवंत हिमवंत करालपिंग चित्तमती व० [हिं० ५३ जउणा जण्डवी आयरिय जरासेच ६१ प्रासादः सहभोभद विभागशोऽनुक्रमणिका । जमुणा जावती नियडी ५१ नदी समुद्र-हदादि भागीरही नेमिनारय नमुद्र पिंगला ५२ नरकाः तत्प्रस्तटाश्च रयणप्पभा मनोरम मंदर मालवंत मेरु रहावत रणवालुवा रयतवालुया लवणसमुद्द वरगा बलकूड बलभद्द मणिसावर ५५ नैमित्तिकाः दमियारि पयावइसम्म यहस्सतिसम्म ५७ परमेष्ठिनः उवज्झाय ५६ परमधार्मिकासुराः वालय वेयरणी सबल ५८ पर्वताः रुयग देवय सकरप्पभा साहु वरदा विजया विशगिरि वैभारगिरि वेभारसेल ६० प्रतिवासुदेवाः दसग्गीव वरुणोदिया संखनदी सिंधु मिगु भिसोय ५९ पुरोहिताः तरपदया मिगु वंझ बेयडू संकुपह सगिरि संघगिरि वक्खारगिरि सम्मेय कोडीडिय सिद्धपदय सिमणरा सिरिपव्यय सीमणग ५४ नावासांयात्रिकाः रुद्ददत सुरिंददत्त विरसभूति संति रावण For Private & Personal Use Only सलभ सिद्ध सप्पावत्त अपराजिय अयल बलदेव सीओद सीओोश सीया ६२ बलदेवराजानः सुवण्णकूला ईसादी ससबिंदु सोम साम सीमण्णग हिमवंत हिरिमंत संकरिसण ४७ www.jainelibrary.org
SR No.001889
Book TitleVasudevhindi Part 2
Original Sutra AuthorSanghdas Gani
AuthorChaturvijay, Punyavijay
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1931
Total Pages228
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Literature
File Size12 MB
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