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________________ परिशिष्टं चतुर्थम् ] विशेषनाम्नां विभागशोऽनुक्रमणिका। २९ कालंजर कुंजरावत्त कोलवण खइराडवी १ अटव्यः जलावत्ता भीसणाडवी भीमाडवी भूयरमणा विजणत्थाण अच्चिमालि आणंद इहाणंद जंबव जसमं सुस्सुत. हरिमंसु २ अमात्या मन्त्रिणःसचिवास्तत्पत्यश्च महामइ संमिन्नसोय सुचित्त मारीच सायर सुबुद्धि वसुमित्त सिंहलि. सुमइ विउलमति सीहलि सुयसायर संडिल्ल सीहसेण नंदण पवणवेग बहुस्सुय महर महरि सुसेण ३ अश्वाः वलह फुलिंगमुह हंसविलंबिभ अंगमंदिर कामत्थाण कोसिकासम छलेडग जिण्णुजाण जोइवण चंदणवण देवरमण ४ आश्रम-उद्यान-वनानि नंदणवण भ६साल पमयवण मणोरम पीइकर रयणकरंडय पोयणासम सरवण सहसंबवण सिद्धत्थ सिरिवण सुमुह सुरवण सुरणिवाद चंदसिरी चारुदत्त जंबू अभयघोस भरहदत्त अरहदास भरहदेव उसभदत्त कणगसिरी कमलावती कामदेव गुत्तिम गोमुह ५इभ्याः श्रेष्ठिनः तत्पत्यश्च तारग पोम्मसिरी वराह तावस बंधुसिरी वसुपालिय दृढधम्म भद्दा वसुसेण धणद भाणु विजयनंदा धणदेव मरुभूइग विणयसिरी धणमित्त मरुभोइग वेसमणदत्त धम्मरुइ माणिभद्द . समुदत्त पियदंसणा मित्तवती समुद्दपिय पुण्णभद्द रामदेव सागरचंद पुप्फसिरी राहुग सागरदत्त सिंधुमती सिरिसेणा सुतारा सुदसणा हरिसीह हिरिमती जसमती जिणगुत्त जिणदत्त जिणदास जिणदेव जिणपालिय तमंतग उदक खीरकयंब' गोयम जयग्गीव दढप्पहारि दंडवेग.. नारय - पब्वयय ६ उपाध्यायाः कलाचार्याश्च पुण्णास विबुह सुणकमेध बंभदत्त संडिल्ल सुणगच्छेद सुग्गीव ... सुप्पह सुमुह सुहम सुहम बुह व. हिं० ५२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001889
Book TitleVasudevhindi Part 2
Original Sutra AuthorSanghdas Gani
AuthorChaturvijay, Punyavijay
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1931
Total Pages228
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Literature
File Size12 MB
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