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________________ वसुदेवहिंडिपढमखंडसंगहणी । १ - २ सामा विजया य विजयखेडे जियसत्तुस्स राइणो दुवै धूयाओ । पत्र १२१ ॥ ३ किण्णरगीदविज्जाहरणगराहिवस्स असणिवेगराइणो सुप्पभाए देवीए दुहिदा सामली । पत्र १२४ ॥ ४ चंपा चारुदत्तसेहिणो घरे सिवमंदरणगराधिवस्स विज्जाहरराइणो अमियगइस देवी विजयसेणार अत्तिया गंधवदत्ता । पत्र १५३ ॥ ५ विज्जाहरराइणो सीहदाढस्स नीलंजणाए देवीए अत्तिया नीलजसा । पत्र १८० ॥ ६ गिरिकूडग्गामे देवदेवरस गामभोइयस्स अत्तिया सोमसिरी । पत्र १८२ ॥ ७ अलग्गामे धणमित्तस्स सत्यवाहस्स सिरीप भारियाए अत्तिया मित्तसिरी । पत्र १९७ ।। ८ तत्थेव सोमस्स माहणस्स सुणंदाए भारियाए अत्तिया धणसिरी । पत्र १९८ ॥ ९ वेदसामपुरे णयरे कविलस्स राइणो अत्तिया कविला । पत्र १९९ ॥ १० सालगुहसन्निवेसे अभग्ग सेणस्स राइणो सिरिमतीए देवीए अत्तिया पउमा । पत्र २०१ - २०४ ॥ ११ जयपुरे मेहसेणस्स राइण सुया आससेणा । पत्र २०६ ॥ १२ भद्दिलपुरे पुंडस्स राइणो अत्तिया पुंडा । पत्र २१४ ॥ १३ इलावद्धणे णयरे मणोरहस्स सत्थवाहस्स पउमावतीए भारियाए अत्तिया रत्तवती । पत्र २१९ ॥ १४ महापुरे नगरे सोमदेवस्स राइणो सोम चंदाए देवीए धूया सोमसिरी । पत्र २२२ ॥ १५ सुवण्णाभे विज्जाहरणगरे चित्तवेगस्स विजाहरराइणो अंगारमतीए देवीए अत्तिया वेगवती । पत्र २२७ ॥ १ सामा-जायखेडे सामस्स उवज्झायस्स अस्सगाए भारियाए सुता सामा । तत्थेव जितसत्तुस्स राहणी मंजरीए देवीए अन्तिया वियया इति वसुदेवहिंडिसंगहणीए ॥ २ रहणेउरचक्कवालपुरे व० सं० ॥ ३ अंजणाए देवीए व० सं० ॥ ४ गिरितडग्गामे सोमदेवस्स खंदिलाए भारियाए अत्तिया व० सं० ॥ ५ दिलाए भारियाए व० सं० ॥ ६ अमिलाए देवीए व० सं० ॥ ७ विययपुरे व० सं० ॥ ८ दाणीए देवीए व० सं० ॥ ९ सुयसाए देवीए व० सं० ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001889
Book TitleVasudevhindi Part 2
Original Sutra AuthorSanghdas Gani
AuthorChaturvijay, Punyavijay
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1931
Total Pages228
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Literature
File Size12 MB
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