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ज्ञानपीठ मूर्तिदेवी जैन ग्रन्थमाला प्राकृत ग्रन्थांक - २२
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आचार्य हरिभद्रसूरि विरचित
समराइच्चकहा
( समरादित्य - कथा )
उत्तरार्ध
| प्राकृत मूल, संस्कृत छाया एवं हिन्दी अनुवाद सहित ]
सम्पादन- अनुवाद
डॉ. रमेशचन्द्र जैन
अध्यक्ष, संस्कृत विभाग,
वर्धमान स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बिजनौर
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भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन
प्रथम संस्करण १६६६ मूल्य : १४०.०० रुपये
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