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जोइंदु-विरइउ
[ 145 : २-१८145) मुत्ति-विहूणउ णाणमउ परमाणंद-सहाउ ।
णियमि जोइय अप्पु मुणि णिचु णिरंजणु भाउ ॥ १८ ॥ 146) पुग्गल छबिहु मुत्तु वढ इयर अमुत्तु वियाणि ।
धम्माधम्मु वि गयठियहँ कारणु पभणहिणाणि ॥ १९ ॥ 147) दवई सयलइँ वरि ठियइँ णियमे जासु वसंति ।
तं णहु दव्वु वियाणि तुहुँ जिणवर एउ भणंति ॥ २०॥ 148) काल मुणिजहि दवु तुहुँ वट्टण-लक्खणु एउ।
रयणहँ रासि विभिण्ण जिम तसु अणुयहँ तह भेउ ॥ २१ ॥ 149) जीउ वि पुग्गल कालु जिय ए मेल्लेविण दव्व ।
इयर अखंड वियाणि तुहुँ अप्य-पएसहि सन्च ॥ २२ ॥ 150) दव्व चयारि वि इयर जिय गमणागमण-विहीण ।
जीउ वि पुग्गलु परिहरिवि पभणहि णाण-पवीण ॥ २३॥ 151) धम्माधम्मु वि एकु जिउ ए जि असंख-पदेस ।
गयणु अणंत-पएसु मुणि बहु-विह पुग्गल-देस ॥ २४ ॥ 152) लोयागासु धरेवि जिय कहियइँ दव्वइँ जाइँ।
एक्कहि मिलियइँ इत्थु जगि सगुणहिँ णिवसहि ताइँ ॥ २५ ॥ 153) एयइँ दव्बइँ देहियहँ णिय-णिय-कज्जु जणंति ।
चउ गइ-दुक्ख सहंत जिय ते संसारु भमंति ॥ २६ ॥ 154) दुक्खहँ कारणु मुणिवि जिय दव्वहँ एहु सहाउ ।
होयवि मोक्खहँ मग्गि लहु गम्मिज्जइ पर-लोउ ॥ २७ ॥ 155) णियमे कहियउ एहु मइँ ववहारेण वि दिहि ।
एवहि” णाणु चरित्तु सुणि जे पावहि परमेट्टि ॥ २८ ॥ 145) TKM 'विहणिउ, णियमे. 146) TKM पोग्गल, धम्माहम्मु वि गइठिदिहि, A गइठिएहि : Ms. A has no commentary on 18-19, but the same added in a different hand on the marginal space. 147) TKM change the order of 147 and 148; TKM दव्वइ सयलुदरिट्ठियई; Brahmadeva उवरि ; Bc णियमि ; TKM एहु for एउ. 148) c वट्टणु ; TKM एहु for एउ, जेव तसु अणुवह. 149) TKM पोग्गलु, अखंड मुणेहि तुहुं. 150) TKM पोग्गलु, परिहरवि पभणइ णाणपवीणु, AB णाणिपवीण. 151) TKMBC धम्माहम्मु ; TKM एजि, गयण, पोग्गल; Brahmadeva has another reading पुग्गलु तिविहु पएसु. 152) TKMBC लोयायासु, TKM धरेइ ठिया, एत्थु जए. 153) TKM देहियहि, ८ देहियई ; TKM णियणिउ, सहंतु Bc सहंति 154) TKM णादु for मुणिवि, एउ for एहु, मग्गे; c होइवि. 155) B णियमई: TKM मुणि for सुणि: BC जि.
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