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प्रस्तावना
लक्षणः ---१० मात्रा, २ पंचकर, अंत्य लघु, ( दादाल दादाल.) नीचेना कडककोमा मळे छे
संधि
कडवक
२७
३. (पंक्ति २५.४४) (८) रासावलय
लक्षणः- २१ मात्रा-अंतिम 'न' गण साथे, १४ मात्रा पछी यति, अंत्यानुप्रास.
संधि-३ ना कडवक १८ मां आ छंद वपरायो छे. (९) प्रमाणी
लक्षणः- लधुगुरु x४ = १२ मात्रा अथवा 'ज' गण 'र' गण अने अंते लघु-गुरु. आखा काव्यमा एक मात्र मात्रावृत्त 'प्रमाणी' ज मळे छे.' नीचेना कडवकोमा ते प्रयोजायो छे
कडवक ५, १५ (पंक्ति ९-१४)
संधि
३२
४ १
२७ (१०) करिमकरभुजा
लक्षण- १ चतुकल+ज गण-८ मात्रा संधि- ६ कडवक २९ मां आ छंद वपरायेल छे. (पंक्ति ४ मां अंते ऋण लघु छे.)
लक्षण १० मात्रा, बे पंचकल, प्रथम पंचकलनो अंत्य लघु, बीजानो अंत्य गुरु, (दादाल दालदा )
संधि ७ कडवक २० (१२) ?
लक्षण- १२ मात्रा (दाल दाल दाल दाल) संधि ६ कडवक ३०
१ आ प्रमणी-छंद समराइच्च-कहामां पण वपरायेलो छे.
(जुओ समराइच्चकहा पृ. ३७२ पंक्ति १-८)
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