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साहारणकइविरइया
[१०.२० आसीसहि तो अभिणंदियाउ पुत्तय हवेह चिरु अविहवाउ । पाएहि पडिय पुणु सासुयाए आणंद-गलिय--नयणंसुयाए । आलिंगेवि कित्तिमईए दो वि आसीसहिं अहिणंदिय पुणो वि । पणमियउ असेसउ राणियाउ ताहि पि ताउ संमाणियाउ । पडिवत्ति उचिय किय सब जाव एत्तहि नरिंद--वयणेण ताव । उल्लसिय--पमोएहिं सायरेहिं सा नयरि विहूसिय नायरेहिं ।
किय हट्ट-सोह वर-तोरणाइं घरे घरे विहियई वद्धावणाई । १० सिंगार-समिद्धिहिं पुरि विहाइ पिय-संगम-ऊसुय तरुणि नाइ ।
अह नरवइ निय-नंदण-सहिउ सुंदरे विमाणे तहिं आरूहिउ । दुइयइ विमाणे सासुय-सहिय आरूढिय दोन्नि वि वर-बहुय ।
हय-गय-रह-विमाण-वर-जाणेहिं पाणेहिं हल्लियं ।' अणुमग्गे नरिंद-खयरिंदहं तं बलु सयलु चल्लियं ॥ २० ॥
[२१] तउ वज्जिया तूर-भेया असंखा समाऊरिया काहल दिव्व--संखा । पणच्चंति तोसेण य पाउलाई सुसदेण गायंति वा मंगलाई । पुरो ताव नाणाउहा बद्ध--सोहा पयट्टा सुसंगाम-निव्वूढ--जोहा ।
सुवेगा वि तो मंदमंदं पयट्टा सुखंचिय खलीणा तुरंगाण थट्टा । ५ रहा किंकिणी-जाल-मालाहिरामा झयाली--सुज्झलंत-पप्फुल्ल-दामा ।
गया पज्झरंता मयं साम-गत्ता नवा अंबुवाह व्व गज्जति मत्ता । पयट्टा य देवालयाणं समाणा अदूरे नहेणेव रम्मा विमाणा । तउ तं असेसं सुरेहिं पि दिलं बलं चाउरंगं पुरीए पविढे । असेसा पुरी पेक्खिउं ताव खुद्धा गवक्खा खणेणं पुरंधीहि रुद्धा । हले एस विज्जाहराण स राया कयत्था य कित्तीमई जस्स माया । इमा एत्थ ईसाणचंदस्स धूया इमस्सेव देवी रई-तुल्ल-रूया । इमा पेच्छ विज्जाहरी चंदलेहा न दिट्ठा सवत्तीण एवं सिणेहा । हले पेच्छ सारेहिं पुण्णेहिं जुत्तो इमो सो जसोवम्मदेवस्स पुत्तो ।
पुरंधीहिं एवं च वणिज्जमाणो नरिंदस्स गेहे पहुत्तो समाणो। [२०] ३. ला० अभिनंदियओ .पु० एत्तहे ९. ला० विहियई १०. ला०-समिद्धेहि
१४, ला० अणुमगि [२१] १. ला• समापूरिया ५. ला०-मालाहिरम्मा ६. ला०पक्खरंता
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