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संधि-९
विणय-पणय-सामंत-चक्कहो तत्थ जेंव सुरलोय-सक्कहो । विसय-पंचविह-सोक्ख-सारहो कालु वच्चइ सणं कुमारहो ॥ परिवड्ढिय-पउर-पयाणुराउ पुहईए पउर-पसरिय-पयाउ । विज्जा-विन्नाण-कला-पसिद्ध बल-भूमि-कोस-वाहण-समिद्ध । ५ सुह-पुन्न-सयल-संपडिय-कज्जु निक्कंटउ जांच करेइ रज्जु ।
ता अन्नहिं दिवसि नराहिवस्स अंतेउर-सुह-आसण-ठियस्स । वसुभूइ-विलासवइ-जुयस्स मुह-कमल निहिय-लोयण-जुयस्स । सहम त्ति वेत्तलय-कलिय-पाणि कोइल-कुल-मंजु-ललिय-वाणि ।
सुपोहर पाउस-सुंदरि ब सुह-चंदण-मलय-वणहं सिरि ब्व । १० जिह जलहि-वेल-मोतिय-समग्ग वामं संनिविट्ठ सकोस खग्ग ।
कर-कमल-मउलि अंजिलि करेवि आढत्त नराहिवु विण्णवेवि । विज्जाहर-नरवइ-जणिय-सेव खणमेत्तु देह अवहाणु देव ।
को वि रूव लावण्ण-धारो जोव्वणत्थु नहयर-कुमारओ । भवण-दार-देसम्मि अच्छइ देव-दंसण-सुहाई इच्छइ ॥१॥
जइ तत्थ देउ आएमु देइ ता सो पएमु सामिय लहेइ । चिंतइ नरिंदु को होसइ त्ति जंपिय पडिहारि पवेसहि ति । धाविय पडिडारि स तुरिय-वेय पुणु आगय विज्जाहर-समेय ।
राएण दिछ नहयर-कुमारु वच्छत्थल-घोलिर-दिव्य-हारु । ५ उवसप्पेवि किउ पणिवाउ तेण बहुमाणिउ सो वि नराहिवेण ।
उवविद्उ पुच्छिउ कुसल-वत्त भणिउ य कहं तह तुम्हे पत्त । 1] १. ला० जेव, पु० सुरलोए ३. पु. पयाणुराओ ..पयाओ। ४. पु० वसु-भूमि ५.
ला० सुई-पुन्न-पु०सयल-संपडिअ ७. पु. विलासवई-वयस्स, ला० कमल - विहिय
८. पु०. मंजुल-ललिय ९. पु० पाओस-सुंदरि ११ ला० आढत्तु १३. ला. धारउ । [२] २ पु० पवेसह ६. पु० पुच्छिय ...भणिओ, लाल कह तह
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